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Minister Premchand की 1 और हेराफेरी! विधानसभा भर्ती के बाद अब ये बड़ा खेल आया सामने

देहरादून, ब्यूरो। उत्तराखंड के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और वर्तमान वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल (Minister Premchand) की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। पहले से ही विधानसभा में हुई बैकडोर से हुई नियुक्तियों को लेकर मीडिया की सुर्खियों में रहे वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल (Minister Premchand) अब बेटे पीयूष अग्रवाल की ओर से नगर निगम ऋषिकेश की प्रतिबंधित खसरा नंबर 279/1 की एक विवादित जमीन को अपने नाम कराने का मामला सुर्खियों में है। इस मामले से संबंधित दस्तावेज इंटरनेट और सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं।

दरअसल, के 135 हरिद्वार रोड ऋषिकेश पर मौजूद खसरा नंबर 279/1 की 184 वर्गमीटर भूमि नगर निगम ऋषिकेश (पूर्व में नगर पालिका) के अभिलेखों में रमेश चंद्र घिल्डियाल के नाम दर्ज है। इस विवादित जमीन को शीतला कोहली नाम की महिला की ओर से प्रेमचंद अग्रवाल के पुत्र पीयूष अग्रवाल को बेचा जाना दर्शाया गया।

इसी विक्रय पत्र के आधार पर खेल कर पहले तो चालाकी से एसडीएम ऋषिकेश कार्यालय से इस जमीन का अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी करवाया गया। उसके बाद इसी एनओसी के आधार पर नगर निगम ऋषिकेश से इस जमीन का नामांतरण पीयूष अग्रवाल पुत्र प्रेमचंद्र अग्रवाल (Minister Premchand) के नाम नगर निगम की धारा 213 (ख) के तहत कर दिया गया।

इस संबंध में सूचना अधिकार से प्राप्त प्रमाणित पत्रों की छाया प्रति मीडिया को साझा करते हुए कांग्रेस नेता जयेंद्र रमोला ने वित्त मंत्री और ऋषिकेश विधायक प्रेमचंद अग्रवाल (Minister Premchand) पर करोड़ों की जमीन को बड़े स्तर पर खेलकर अपने बेटे के नाम दर्ज करवाने का आरोप लगाया है। दूसरी ओर मामला मंत्री से जुड़ा होने के कारण इसमें कोई भी अधिकारी साफ-साफ कहने से बच रहा है। सभी अफसर मामला संज्ञान में आने के बाद जांच की बात कह रहे हैं।

Minister Premchand के बेटे को इस आधार पर दी गई थी एनओसी

जमीन के इस विवादित मामले को बारीकी से देखा जाए तो एसडीएम ऋषिकेश ने 29 फरवरी 2019 को एक अनापत्ति पत्र में जिक्र किया कि, ‘‘तहसील ऋषिकेश जनपद देहरादून स्थित भूमि खसरा नंबर 279/1 184 वर्गमीटर भूमि/भवन निर्माण के लिए एनओसी जारी कर दी गई। इस पत्र में एसडीएम की ओर से जिक्र किया गया है कि अगर भविष्य में इस मामले में नामांतरण के साथ ही किसी भी प्रकार का विवाद पैदा हुआ तो अनापत्ति प्रमाण पत्र स्वतः निरस्त समझा जाएगा।’’ दूसरी ओर अब मामला मीडिया की सुर्खियों में आने के बाद नगर निगम और तहसील प्रशासन एक-दूसरे को इस मामले के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

Minister Premchand
Minister Premchand की 1 और हेराफेरी! विधानसभा भर्ती के बाद अब ये बड़ा खेल आया सामने

184 वर्गमीटर जमीन सांठ-गांठ से अपने नाम करवाई

आरोप है कि ऋषिकेश के 135 हरिद्वार रोड पर मौजूद 184 वर्गमीटर विवादित जमीन को तहसील और नगर निगम के अफसरों से सांठ-गांठ कर अपने नाम करवा लिया गया जबकि जमीन का मालिक कोई और ही है। जिस महिला से मंत्री के बेटे ने यह जमीन खरीदी है, उसका नगर निगम में कहीं कोई रिकाॅर्ड ही नहीं है। बड़ी ही चालाकी से पहले एसडीएम से एनओसी इस शर्त पर जारी करवा दी गई कि इस जमीन पर किसी तरह का कोई विवाद नहीं है।

एसडीएम के इसी अनापत्ति प्रमाण पत्र में यह भी लिखा गया है कि नामांतरण आदि को लेकर किसी भी तरह का कोई विवाद होने पर यह अनापत्ति प्रमाण पत्र स्वतः ही निरस्त समझा जाएगा। अब तहसील ऋषिकेश और नगर निगम ऋषिकेश के अफसर और कार्मिक मामले की जांच की बात तो कह रहे हैं, लेकिन कार्रवाई करने की बजाय एक-दूसरे के पाले में गेंद डालने के सिवाय अभी तक कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।

19 फरवरी 2019 एसडीएम ऋषिकेश ने जारी की एनओसी

दरअसल, 19 फरवरी को इस विवाद जमीन को एसडीएम ऋषिकेश ने एनओसी जारी की। इसके कुछ दिन बाद 18 मार्च 2019 को एसडीएम के इस अनापत्ति प्रमाण पत्र के आधार पर सहायक नगर आयुक्त नगर निगम के लिपिक ने इस मामले में नगर निगम की धारा 213 (ख) के तहत कार्रवाई करने के लिए अनुमति मांगी। इस पर सहायक निदेशक ने भी चिड़िया बैठा कर करोड़ों की विवादित जमीन को मंत्री के बेटे पीयूष अग्रवाल के नाम कर दिया। मामला सामने आने के बाद सरकार के सभी नुमाइंदों से लेकर नगर निगम और प्रशासन के अधिकारी भी बैकफुट पर नजर आ रहे हैं।

ये रहा मामले में अधिकारियों का पक्ष…

जबकि इस जमीन के विवादित मामले में एसडीएम ऋषिकेश तहसील शैलेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि ‘इस तरह के कई केस के संबंधित सरकारी पत्र इंटरनेट मीडिया पर वायरल होते रहते हैं। संबंधित प्रकरण में यदि नगर निगम की ओर से संपत्ति नामांतरण किया गया है तो नगर निगम को ही इस पर कार्रवाई चाहिए। एसडीएम से जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र में भी इस संबंध में जिक्र किया गया है। विवाद होने की स्थिति में एनओसी स्वतः ही निरस्त मानी जाएगी।’

दूसरी ओर जमीन नामांतरण के इस विवादित केस को लेकर नगर आयुक्त ऋषिकेश नगर निगम राहुल कुमार गोयल ने बताया कि संबंधित मामला मौखिक रूप से मेरे संज्ञान में आया है। मैं इसका अध्ययन करूंगा। उन्होंने कहा कि मैंने अभी नगर निगम की तमाम संपत्तियों से संबंधित संपत्ति के फाइल का अध्ययन नहीं किया है। इस केस का अध्ययन करने के बाद जो भी नगर निगम के नियमों के अनुसार उचित होगा उसी आधार पर इस मामले में भी कार्रवाई की जाएगी।

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