Breaking Newsआस-पड़ोसउत्तराखंडसमाजस्वास्थ्य
Trending

TB in Uttarakhand: रोगियों की देखभाल, उपचार को नि-क्षय मित्र बनेंगे ये महानुभाव; 15500 रोगी चिह्नित

  • राज्यपाल करेंगे टीबी मुक्त उत्तराखंड अभियान का शुभारम्भ
  • TB रोगियों की देखभाल, उपचार को नि-क्षय मित्र बनेंगे ये महानुभाव; इस दिन तक चलेगा विशेष अभियान
  • 17 सितम्बर से 01 अक्टूबर तक प्रदेशभर में चलेगा अभियान

TB in Uttarakhand: देहरादून, ब्यूरो। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत राज्यपाल ले0ज0 (से0नि0) गुरमीत सिंह आगामी 17 सितम्बर को राजभवन से टीबी मुक्त उत्तराखंड (TB in Uttarakhand) का शुभारम्भ करेंगे। अभियान के तहत कार्यक्रम में मौजूद महानुभाव भी टीबी रोगियों की देखभाल एवं उपचार के लिये जन सहभागिता के तहत नि-क्षय पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा कर नि-क्षय मित्र बनेंगे। इसके साथ ही राज्यपाल सहित कार्यक्रम में मौजूद अन्य महानुभाव स्वास्थ्य विभाग से चिन्हित 1-1 TB मरीज की जिम्मेदारी भी लेंगे।

17 को शुरू होगा राजभवन से TB मुक्त Uttarakhand अभियान

स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने कार्यक्रम की जानकारी लेते हुये बताया कि राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत देशभर में 17 सितम्बर से प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग भी राजभवन देहरादून में 17 सितंबर अपराह्न 12ः30 बजे टीबी मुक्त उत्तराखंड (TB in Uttarakhand) का कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। इसका शुभारम्भ राज्यपाल ले0ज0 (से0नि0) गुरमीत सिंह करेंगे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहेंगे।

TB in Uttarakhand: 2024 तक UK को TB मुक्त करने का लक्ष्य

इसके अलावा सांसद टिहरी, मेयर देहरादून, जनपद के प्रभारी मंत्री, स्थानीय विधायक व जनपद के अन्य विधायकगण मौजूद रहेंगे। डॉ0 रावत ने बताया कि भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। जबकि राज्य सरकार ने उत्तराखंड को वर्ष 2024 तक टीबी मुक्त (TB in Uttarakhand) करने का लक्ष्य रखा गया है।

Tb in uttrakhand

 

इसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये प्रदेशभर में टीबी उन्मूलन के लिये जन जागरूकता अभियान चलाये जा रहे हैं। जिसमें स्वास्थ्य विभाग के अलावा शिक्षा विभाग, पंचायतीराज विभाग, सहकारी समितियां, कार्पोरेट्स, संस्थान, एनजीओ तथा व्यक्तिगत रूप से नागरिक नि-क्षय मित्र के रूप में अपनी भूमिका निभायेंगे। इस अभियान के तहत उपरोक्त सभी संगठन एवं व्यक्ति प्रदेशभर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिन्हित टीबी मरीजों में से स्वैच्छा से एक या अधिक मरीजों को एक से लेकर तीन वर्ष तक के लिये गोद ले सकते हैं।

इस दौरान संबंधित संगठन या व्यक्ति को गोद लिये गये टीबी मरीज की समय-समय पर देखभाल के साथ ही पौष्टिक आहार के रूप में प्रतिमाह फूड बास्केट पर आने वाले लगभग रूपये 1000 का भुगतान करना होगा। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि अभी तक प्रदेशभर में लगभग 15 हजार 500 टीबी मरीज चिन्हित किये गये हैं। जिनमें से लगभग 82 फीसदी टीबी मरीजों ने अपनी देखभाल एवं उपचार के लिये सहमति दे दी है। जिसके क्रम में सैकड़ो लोगों ने नि-क्षय मित्र बनने के लिये अपना पंजीकरण कर लिया है। इसी प्रकार जो व्यक्ति या संगठन टीबी रोगियों को गोद लेना चाहते हैं उनको नि-क्षय पोर्टल पर अपना ऑनलाइन पंजीकरण कराना आवश्यक है।

टीबी हो तो दवा आधे में न छोड़ें, सरकार भी देगी हर माह 500…

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button