Bus Accident in Uttarakhand: 50 बरातियों से भरी बस खाई में गिरी, मची चीख पुकार
Bus Accident in Uttarakhand: हादसे में घायल 20 सवार अस्पताल पहुंचाए, 1 की हो चुकी है मौत; रेस्क्यू जारी, देखें वीडियो
- Bus Accident in Uttarakhand: पौड़ी के धुमाकोट क्षेत्रान्तर्गत बीरोंखाल के पास सिमड़ी गांव में बारात की बस हुई दुर्घटनाग्रस्त
- SDRF रेस्क्यू टीमों द्वारा मौके पर पहुँचकर किया गया राहत एवं बचाव कार्य
Bus Accident in Uttarakhand: देहरादून, ब्यूरो। उत्तराखंड के पौड़ी जनपद में कल देर शाम करीब 8:00 बजे बरात की एक बस बेकाबू होने के बाद गहरी खाई में जा गिरी। इस दर्दनाक हादसे (Bus Accident in Uttarakhand) में अभी तक एक मृतक और 20 घायलों को बाहर निकाला जा चुका है। इस बस में 40 से 50 बराती सवार बताए जा रहे हैं। हादसे की सूचना के बाद एसडीआरएफ की विभिन्न टीमें मौके पर देर रात से ही बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
4 अक्टूबर 2022 को सांय लगभग 0800 बजे SDRF को धुमाकोट क्षेत्रान्तर्गत बीरोंखाल के पास सिमड़ी गांव में एक बारात की बस खाई में गिरने की सूचना प्राप्त हुई।
घटना की संवेदनशीलता के दृष्टिगत मणिकांत मिश्रा, सेनानायक SDRF ने श्रीनगर, कोटद्वार, खैरना, सतपुली व रुद्रपुर से SDRF की रेस्क्यू टीमों को तत्काल घटनास्थल पर पहुँचकर रेस्क्यू कार्य किये जाने के निर्देश दिए। Bus Accident in Uttarakhand: निर्देश पर SDRF रेस्क्यू टीमें मय रेस्क्यू उपकरणों के त्वरित रेस्क्यू के लिए घटनास्थल को रवाना हुई।
इस बस में सवार यात्री शादी की बरात में गए थे। वह लालढांग हरिद्वार से काड़ागांव वापिस आ रहे थे, जिसमें लगभग 45-50 लोग सवार थे। बीरोंखाल से आगे सिमड़ी गांव के पास मोड़ काटते समय बस अचानक अनियंत्रित होकर 200 से 250 मीटर गहरी खाई में दुर्घटनाग्रस्त हो गयी।
घटनास्थल पर स्थानीय पुलिस बल पूर्व से उपस्थित था जिनके द्वारा 9 लोगों को निकाल लिया गया था, जिसमे से 6 घायलों को बीरोंखाल अस्पताल में भर्ती कराया गया व 1 गंभीर घायल को कोटद्वार को रेफर किया गया है, अन्य 2 व्यक्तियों की स्थिति सामान्य है।
SDRF रेस्क्यू टीमों द्वारा रात्रि के घनघोर अंधेरे व अत्यधिक विषम परिस्थितियों में लगभग 250 मीटर गहरी खाई में रोप बांधकर में उतरा गया जहाँ से स्ट्रैचर द्वारा एक एक कर के घायलों को निकाला जा रहा है।
वर्तमान समय तक 20 घायलों व 01 मृतक का शव निकाला जा चुका है तथा बाकी लोगों को निकालने के लिए भी SDRF प्रयासरत है।