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1 अप्रैल से होगा देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल का आगाज

1-3 अप्रैल के दौरान आयोजित होगा देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल का चौथा संस्करण

विवेक अग्निहोत्री, इम्तियाज अली, रस्किन बॉन्ड, प्रसून जोशी जैसे प्रसिद्ध पैनेलिस्ट लेंगे भाग

देहरादून, उत्तराखंड: वार्षिक तीन दिवसीय देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल का चौथा संस्करण 1 से 3 अप्रैल के बीच हयात रीजेंसी और द दून इंटरनेशनल स्कूल, रिवरसाइड कैंपस, देहरादून में आयोजित होने जा रहा है। इस साल के देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल (डीएलएफ) में तुषार कपूर, सोनू निगम, मालिनी अवस्थी, प्रीति शेनॉय, इम्तियाज अली, ताहिरा कश्यप, विवेक अग्निहोत्री, पल्लवी जोशी, प्रलाद कक्कड़, पीयूष पांडे, जोनाथन गिल हैरिस, इयान कार्डोजो, जसबीर जस्सी, मिली अश्वर्या, माधवी मेनन, सईद नकवी, अक्षत गुप्ता, ऋचा द्विवेदी, वासु एडा, मिनी भारद्वाज, विश्वास परचुरे, दीपम चटर्जी, किरण मनराल, सुभाष गर्ग, नयनिका महतानी, और कई अन्य प्रमुख लेखक व प्रसिद्ध पैनलिस्ट शामिल होंगे।

इस अवसर पर बोलते हुए, देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल के संस्थापक समरांत विरमानी कहते हैं, “जब से हमने देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल की शुरुआत की है, हमारा मूल उद्देश्य सभी के बीच, और खासकर युवा पीढ़ी में पढ़ने की आदत पैदा करना, और समान विचारधारा वाले लोगों को एक ही छत के नीचे एकत्रित करना है। इसी मंशा को ध्यान में रखते हुए, हम इस देश के सबसे पसंदीदा देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल को एक बार फिर से आयोजित करने के लिए बहुत उत्साहित हैं।

उन्होंने आगे कहा, “इच्छुक लोगों को लिटरेचर फेस्टिवल में भाग लेने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए हम ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा लाये हैं। कोई भी देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल की वेबसाइट www.dehradunliteraturefestival.com पर जाकर रजिस्टर कर सकता है और फेस्टिवल का हिस्सा बन सकता है।”

डीएलएफ देवभूमि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में आयोजित सबसे विशिष्ट वार्षिक साहित्य उत्सव है। पिछले चार वर्षों में, इस फेस्टिवल में दुनिया भर के कुछ बेहतरीन पैनलिस्ट ने हिस्सा लिया हैं, जिनमें सद्गुरु, माँ आनंद शीला, रस्किन बॉन्ड और बरखा दत्त शामिल हैं।

देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल भाग लेने वाले साहित्य प्रेमियों को कई अवसर प्रदान करता है, जैसे कि प्रसिद्ध लेखकों और मशहूर हस्तियों से मिलना व अभिवादन और पुस्तक पर हस्ताक्षर, पुस्तकों, पेंटिंग, कैरिकेचर, और हस्तनिर्मित शिल्प की प्रदर्शनियां, वाद-विवाद और लेखकों और वक्ताओं के बीच पैनल चर्चा, और युवा लेखकों को प्रोत्साहित करने के लिए नवोदित लेखकों के लिए कार्यशालाएं।

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