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“डेंगू को नहीं लेने दिया जाएगा महामारी का रूप , निरंतर किये जा रहे हैं प्रयास”

“डेंगू को नहीं लेने दिया जाएगा महामारी का रूप , निरंतर किये जा रहे हैं प्रयास”

डेंगू रोग को उत्तराखंड राज्य में पूरी तरीके से नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूर्ण रूप से तैयार है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा डेंगू संक्रमण काल प्रारंभ होने से पहले ही सभी तैयारियां पूरी की गई है।

डेंगू रोग के संक्रमण की रोकथाम से जुड़ी जानकारी देते हुए श्रीमती स्वाति एस भदौरिया , मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तराखंड ने विभागीय तैयारियों से अवगत कराते हुए बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन , स्वास्थ्य विभाग, उत्तराखंड द्वारा योजनाबद्ध तरीके से रणनीति तैयार की गई व उसके अनुसार डेंगू नियंत्रण गतिविधियों को संचालित किया जा रहा है । जिसके परिणाम स्वरूप वर्तमान तक प्रदेश भर में मात्र 19 डेंगू रोगी रिपोर्ट हुए हैं, व डेंगू रोग से कोई भी मृत्यु दर्ज नहीं हुई है।

यदि हम अगस्त माह तक डेंगू के संक्रमण से जुड़े आकड़ों को देखें तो 2019 में 947 केस दर्ज थे तथा 2023 में 732 केस दर्ज थे, वर्तमान वर्ष में घट कर 19 केस हो गए हैं।

मिशन निदेशक ,राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी प्रयासों को निरंतर जारी रखा जाये ताकि आगे आने वाले समय में भी डेंगू के संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सके।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन , उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी विभागों के साथ बैठक एवं समन्वय स्थापित कर के डेंगू रोकथाम हेतु धरातल पर कार्य किये जा रहे हैं । सभी विभागों द्वारा अपने स्तर से डेंगू रोग के नियंत्रण के लिए सभी गतिविधियां की जा रही हैं।


किसी भी डेंगू रोगी के सूचना प्राप्त होने पर उसके निवास स्थान के आसपास वृहद स्तर पर डेंगू निरोधात्मक गतिविधियां की जाती हैं ताकि डेंगू रोग को उस स्थान से फैलने से रोका जा सके।

डेंगू के संक्रमण को रोकने के लिए विभाग द्वारा अप्रैल माह से ही डेंगू लार्वा के पनपने के स्थान को नष्ट किये जाने की शुरुवात की गई साथ ही इस वर्ष ससमय सघन सोर्स रिडक्शन गतिविधियां , फोगिंग , इंडोर स्प्रे , प्रचार प्रसार , अन्तरविभगीय कार्यवाही की जा रही है है व लोगों को डेंगू से बचाव पर जागरूक किया जा रहा है।

आज की तिथि तक राज्य में आशाओं द्वारा 18,56,611 घरों का सर्वे किया जा चुका है जहां पर लार्वा निरोधात्मक कार्यवाही की जा चुकी है राज्य में डेंगू वालंटियर्स द्वारा 5,23,663 घरों का सर्वे किया जा चुका है । जहां पर लार्वा निरोधात्मक कार्यवाही की जा चुकी है।

आम जनमानस द्वारा भी अपने घर वह आस पास डेंगू रोग के मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया जा रहा है। जनपदों में स्वास्थ्य विभाग की इकाईयों में डेंगू की रोकथाम एवं प्रबंधन हेतु दवाईयां, उपकरण से संबंधित सुविधा उपलब्ध है।

विभाग द्वारा डेंगू रोगियों के उपचार के लिए चिकित्सालयों में डेंगू आइसोलेशन बेड आरक्षित किए गए हैं, औषधियों की उपलब्धता व जांच सुविधा की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। सभी राजकीय एवं निजी चिकित्साल्यों में मच्छरदानी युक्त 2161 बेड आरक्षित है।

डॉ. पंकज सिंह ,सहायक निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तराखंड ने बताया कि, डेंगू संचरण को रोकने और नियंत्रित करने के लिए मजबूत निगरानी प्रणाली लागू की गई है, यहां तक कि डेंगू के एक भी मामले को हॉटस्पॉट के रूप में लिया जा रहा है, और संचरण को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर केंद्रित नियंत्रण गतिविधियां संस्थापित की गई हैं।

आम जनमानस से यही अपील है कि अपने घर के आसपास पानी जमा न होने दें व स्वच्छता का ध्यान रखें।बाहर निकलते समय पूरी बाजू के कपड़े पहनें , बच्चों को बाहर निकलने पर पूरी बाजू के कपड़े पहनाएं तथा मच्छर से बचने वाली क्रीम का इस्तेमाल करें , डेंगू के लक्षण होने पर डॉक्टर से परामर्श लें।

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