Breaking Newsआस-पड़ोसउत्तर प्रदेशउत्तराखंडसमाज
Trending

केंद्र सरकार ने राशन पर चलाई कैंची, जून से प्रति यूनिट इतना मिलेगा गेहूं-चावल

उत्तराखंड समेत कई राज्यों के सस्ते गल्ले के गेहूं पर केंद्र की कैंची, चावल का कोटा बढ़ाया

नई दिल्ली/देहरादून, ब्यूरो। एक ओर भाजपा की सरकार देश में महंगाई पर लगाम लगाने में नाकामयाब रही है। वहीं, अब उत्तराखंड समेत कुछ अन्य राज्यों को मिलने वाले राशन पर भी सरकार कैंची चला चुकी है। अगले माह से राशन कार्ड धारकों को सस्ते गल्ले की दुकानों पर पहले जैसा राशन अब नहीं मिलेगा। सरकार ने प्रति यूनिट गेहूं की मात्रा घटा दी है। वहीं, चावल के कोटे में इजाफा किया गया है।

बता दें कि भाजपानीत केंद्र सरकार कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत आवंटित किए जाने वाले गेहूं की मात्रा को घटा दिया है। खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार गेहूं के घटे हुए कोटे की भरपाई चावल से की जा रही है।

उत्तराखंड, दिल्ली, गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के लिए कोटा कम कर दिया गया है। इसकी वजह गेहूं की कम खरीद होना बताया गया है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात में किसानों से इस बार गेहूं की कम खरीद हुई है। इन राज्यों में किसानों को खुले बाजार में व्यापारियों से अपनी उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक दाम मिले हैं। इसके अलावा अच्छी पैदावार करने वाले राज्यों पंजाब, हरियाणा, यूपी में उत्पादन भी इस बार पहले के मुकाबले कम हुआ है। इस संबंध में क्षेत्रीय विपणन अधिकारी सीएम घिल्डियाल ने बताया कि योजना के तहत उत्तराखंड में करीब 30 हजार मीट्रिक टन गेहूं-चावल मिलता है। अभी तक 18 हजार मीट्रिक टन गेहूं और 12 हजार मीट्रिक टन चावल का आवंटन होता था। लेकिन, अब गेहूं 7 हजार मीट्रिक टन और चावल का कोटा बढ़ाकर 23 हजार मीट्रिक टन कर दिया गया है।

उत्तराखंड में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत 14 लाख से अधिक अंत्योदय एवं प्राथमिक परिवारों के राशनकार्ड धारकों को अगले महीने से प्रति यूनिट तीन किलो गेहूं के स्थान पर मात्र एक किलो गेहूं मिलेगा। जबकि चावल दो किलो के स्थान पर चार किलो मिलेगा। बता दें कि उत्तराखंड में अंत्योदय के 1.84 लाख से अधिक कार्डधारक हैं। इसके अलावा प्राथमिक परिवारों के 12.27 लाख से अधिक राशन कार्ड धारक हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button