आक्रोश…भागीरथी में जल समाधी लेने उतरे होटल मालिक, मची अफरा तफरी; ये है वजह

तीर्थयात्री होटल तक नहीं पहुंच पा रहे, रोजाना हो रहा लाखों का नुकसान
उत्तरकाशी, ब्यूरो। उत्तराखंड सरकार ने इस बार चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों के लिए कई ऐसे नियम लागू किए हैं जिससे होटल व्यवसायियों में आक्रोश है। चार धाम यात्रा मार्गों पर स्थित सभी होटल व्यवसायियों का कहना है कि बुकिंग होने के बाद भी तीर्थयात्री होटल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। इससे उन्हें रोजाना लाखों का नुकसान हो रहा है। दो साल बाद सुचारू रूप से शुरू हुई चारधाम यात्रा में इस बार श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। सरकार की सारी व्यवस्था में धरी की धरी रह गई है चार धाम में चारों ओर अव्यवस्थाओं का आलम है 2 साल तक लोग चार धाम यात्रा शुरू होने का इंतजार करते रहे लेकिन कोरोना के कारण यात्रा सुचारू रूप से शुरू नहीं हो पाई थी लेकिन अब शुरू होने के बाद सरकार के सारे इंतज़ामात नाकाफी साबित हो रहे हैं। देखा जाए तो अभी बरसात भी शुरू नहीं हुई है। ऐसे में शासन-प्रशासन और उत्तराखंड सरकार व्यवस्थाएं बनाने में फेल साबित हुई है। होटल मालिकों का आरोप है कि बुकिंग के बाद भी लोगों को जगह-जगह रोका जा रहा है और बेवजह कई वाहनों को वापस लौटाया जा रहा है। ऐसे में पर्यटक रजिस्ट्रेशन और होटल की बुकिंग के बाद भी नहीं पहुंच पा रहे हैं जिससे उन्हें रोजाना लाखों का नुकसान हो रहा है।
कई यात्रियों को प्रशासन की ओर से वापस भी लौटाया जा रहा है। धामों में तीर्थ यात्रियों के पहुंचने की संख्या तक पहली बार निर्धारित की गई है। अपनी तमाम मांगों पर पहले चेतावनी देने के बाद आज उत्तरकाशी के होटल व्यवसायी भागीरथी में जल समाधी लेने पहुंचे। मौके पर पुलिस प्रशासन के हाथ-पांव फूले हुए हैं। भागीरथी नदी में होटल व्यवसायियों और पुलिस प्रशासन कर्मियों के बीच तीखी नोंक-झोंक भी हुई है।
बता दें कि होटल व्यवसायी धामों में यात्रियों की संख्या सीमित करने का विरोध कर रहे हैं। होटल व्यवसायियों का कहना है कि ऋषिकेश सहित कई जगहों पर यात्रा की बसें और अन्य वाहन बेवजह रोके जा रहे हैं। बुकिंग होने के बाद भी होटल तक यात्री नहीं पहुंच पा रहे हैं। जिससे बुकिंग कैंसिल हो रही और होटल वालों को रोजाना लाखों का नुकसान हो रहा है।