चिन्यालीसौड़: तथ्य छुपा कर प्रधान पद का नामांकन निरस्त करने की उठाई मांग, 2 से अधिक है संतान

चिन्यालीसौड़: तथ्य छुपा कर प्रधान पद का नामांकन निरस्त करने की उठाई मांग
नामांकन पत्र में चौथे बच्चे की जन्मतिथि गलत दर्शाने का आरोप
- राज्य निर्वाचन आयोग और जिला निर्वाचन अधिकारी को की गई शपथपत्र की शिकयत
उत्तरकाशी, ब्यूरो। प्रधान पद के लिए लोगों का मोह इस कदर लगा है कि दो से अधिक संतान होने पर भी तथ्य छुपा कर बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र में गलत तिथि दर्शा कर चुनावी हथकंडे अपनाने लगे हैं।
विकास खंड चिन्यालीसौड़ के ग्राम कवागड्डी पो० बगोड़ी का एक मामला प्रकाश में आया है। गांव की अंजू देवी ने शपथपत्र दाखिल कर राज्य निर्वाचन आयोग उत्तराखंड, जिलाधिकारी निर्वाचन अधिकारी उत्तरकाशी, के साथ ही रिटर्निंग अधिकारी त्रिस्तरीय पंचायती निर्वाचन चिन्यालीसौड़ को भेजे गये शिकायत पत्र में कहा गया कि ग्राम सभा कवागड्डी निवासी मीना देवी धर्म पत्नी नन्द किशोर उन्होंने तथ्य छुपा कर प्रधान पद के लिए नामांकन किया है, नामांकन में इनके द्वारा चौथे बच्चे की जन्मतिथि गलत दर्शायी गयी है। जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चिन्यालीसौड़, एवं आशा कार्यकत्री कवागड्डी पोखरी गोरुण एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्री ग्राम सभा कवागड्डी पोखरी के पंजिकाओं जन्म तिथि अलग है। उन्होंने तत्काल उक्त पंजिकाओ को अपने कार्यालय में मंगाने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो उक्त रिकॉर्ड को नष्ट किया जा सकता है या इसमें छेड़छाड़ की जा सकती है।
उनका आरोप है कि मीना देवी ने तथ्यों को छुपाकर प्रधान पद के लिए नामांकन करवाया जोकि गलत है । उन्होंने इसकी जांच कर, उक्त नामांकन को निरस्त करने की मांग कि है।
भेजे गये शिकायत पत्र में कहा गया कि मीना देवी पत्नी नन्द किशोर ने प्रधान पद के लिए नामांकन करवाया है, नामांकन में इनके द्वारा चौथे बच्चे की जन्मतिथि में छेड़छाड़ की गई है, इन्होंने अपने चौथे बच्चे की जन्मतिथि 5 जुलाई 2019 दिखाई है जोकि गलत है।
जबकि स्वास्थ्य केंद्र चिन्यालीसौड़ से जारी जन्म प्रमाणपत्र में 13 दिसम्बर 2019 है । गौरतलब है कि उत्तराखंड पंचायत राज अधिनियम, 2016 के अनुसार कट ऑफ डेट 25 जुलाई 2019 रखी गई है। इस तिथि के बाद यदि किसी व्यक्ति के दो से अधिक जीवित संतान होगी तो वह दंपत्ति प्रधान चुनाव लड़ने के लिए आयोग्य होंगे ।
क्या कहते हैं जिलाधिकारी/ निर्वाचन अधिकारी
मामले की जांच की जायेगी यदि किसी प्रत्याशी द्वारा तथ्य छिपाये गये होंगे तो उन्हें उत्तराखण्ड पंचायती अधिनियम 2016 के तहत आरोग्य करार दिया जाएगा।
-प्रशांत आर्य, जिलाधिकारी/निर्वाचन अधिकारी उत्तरकाशी।