धराली में मची तबाही, ताश के पत्तों की तरह बिखर गए होटल और मकान, सैकड़ों लापता

उत्तरकाशी के धराली (Dharali) गांव में 5 अगस्त 2025 को हुए फटा बादल (cloudburst) की घटना, राहत‑बचाव कार्य जारी, 70 लोग बचाए 4 की मौत, दर्जनों लापता
- धराली में बादल फटने से मची तबाही: उत्तरकाशी में एक और प्राकृतिक आपदा
उत्तरकाशी (5 अगस्त 2025) – मंगलवार दोपहर गंगोत्री मार्ग के पास स्थित धराली गांव में अचानक बादल फटने की घटना से लगभग 20‑25 सेकंड में भयंकर फ्लैश फ्लड (flash flood) आया, जिसने गाँव, आसपास के होटलों, दुकानों और अन्य संरचनाओं को तहस‑नहस कर दिया।
मृतकों की संख्या: इसमें कम से कम 4 लोग मारे गए हैं, जबकि दर्जनों लोग लापता बताये जा रहे हैं, जिनमें स्थानीय निवासी और श्रद्धालु दोनों शामिल हैं ।
आंतरिक नुकसान: अनुमानतः 15 घर बह गए, साथ ही 20 होटल/होमस्टे व दुकानों को भारी क्षति हुई, जिससे इलाके का संपर्क कट गया ।
सेना का हर्षिल कैंप प्रभावित: हर्षिल स्थित एक सेना कैंप भी जलप्रवाह में डूब गया, और 10 जवान लापता हैं, जिन्हें बचाने के लिए भारतीय वायुसेना हेलिकॉप्टर अभियान में जुटी है ।
राहत और बचाव प्रयास
आपदा प्रबंध तंत्र: SDRF, NDRF, पुलिस, जिला प्रशासन और स्थानीय आपदा दल युद्धस्तर पर कार्यरत हैं। सेना‑पुलिस टीम मौका‑मौका पर पहुंच कर लोगों को सुरक्षित बचा रही है। करीब 150 सैनिकों ने अब तक 15‑20 लोगों को रेस्क्यू किया है ।
हेल्पलाइन: प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर 9456556431 जारी किया है ताकि प्रभावित परिवार तत्काल सहायता पा सकें । इस दुखद घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दुख व्यक्त किया और सीएम पुष्कर सिंह धामी को तुरंत राहत कार्यों के लिए निर्देश दिए। मुख्यमंत्री धामी घटनास्थल का दौरा करने देहरादून से रवाना हुए हैं।
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मौसम चेतावनी: मौसम विभाग (IMD) ने 10 अगस्त तक उत्तरकाशी के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जिससे और भारी बारिश व भू-स्खलन की आशंका बनी हुई है ।
ग्रामीण जीवन और पर्यटन पर असर
धराली गंगोत्री दुर्गम मार्ग पर चलने वाला एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, विशेषकर चारधाम यात्रा के कारण। इस प्राकृतिक आपदा के कारण दर्जनों यात्री व श्रद्धालु फंसे, और स्थानीय पर्यटन व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ। होटलों व दुकानदारी का कारोबार ठप्प हो गया है ।
1. फंसे हुए लोगों की तलाश जारी: मलबे में दबे लोगों के लिए भारी मशीनरी, स्निफर डॉग और एयर सपोर्ट की आवश्यकता जारी है।
2. स्थायी चेक पोस्ट और चेतावनी प्रणाली बनाएँ: पहाड़ी क्षेत्रों में मौसम की अचानक तब्दीली से निपटने के लिए सतर्कता बढ़ाना आवश्यक है।
3. स्थानीय पुनर्वास और पुनर्निर्माण: प्रभावित परिवारों को शीघ्र आश्रय, भोजन, चिकित्सा और पुनर्वास सहायता मिलनी चाहिए।
4. पर्यटन मार्गों का सुरक्षित पुनर्निर्माण: खोया हुआ गंगोत्री मार्ग व धराली बाजार जल्द बहाल करें, ताकि श्रद्धालु यात्रा बाधारहित हो। इस दुखद प्राकृतिक आपदा ने उत्तराखंड को फिर से सिखाया कि छोटे समय में कैसे एक शक्तिशाली बादल फटना (cloudburst) व्यापक मानव व आर्थिक क्षति कर सकता है। प्रदेश सरकार और केन्द्र सरंक्षण प्रयासों में जुटी हुई है, पर अभी लंबी लड़ाई बचाव और पुनर्निर्माण में जारी है।
धराली रेस्क्यू अपडेट
SDRF की पोस्ट भटवाड़ी व गंगोत्री से रेस्क्यू टीमें मय रेस्क्यू उपकरणों के घटनास्थल पर पहुँच गयी है। रेस्क्यू टीम द्वारा सैटेलाइट फोन के माध्यम से अवगत कराया गया कि आपदा प्रभावित क्षेत्र से अभी तक 60 से 70 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुँचा दिया गया है। SDRF की अन्य टीमें रास्ते मे है जो जल्दी ही प्रभावित क्षेत्र में पहुँच जाएगी।
उत्तरकाशी धराली आपदा : मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, त्वरित राहत कार्य जारी
विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम रवाना, अस्पतालों में बेड आरक्षित, चिकित्सकीय अवकाश पर रोक
- 108 एंबुलेंस सेवा हाई अलर्ट पर, जिला स्तरीय आपात नियंत्रण कक्ष स्थापित,लापरवाही पर होगी सख्त कार्रवाई- डॉ.आर. राजेश कुमार
उत्तरकाशी जनपद के धराली गांव में मंगलवार को बादल फटने से उत्पन्न भीषण आपदा के बाद राज्य सरकार पूरी तरह से सक्रिय हो गई है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने त्वरित चिकित्सकीय सहायता सुनिश्चित करने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री स्वयं राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं और वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार संपर्क में हैं, ताकि समय पर पीड़ितों तक सहायता पहुंच सके।
*विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम रवाना*
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने आपदा की गंभीरता को देखते हुए विशेषज्ञ चिकित्सकों की एक टीम तत्काल धराली क्षेत्र के लिए रवाना करने के निर्देश दिए हैं। इस टीम में सर्जन, निश्चेतक, फिजीशियन और आर्थोपेडिक सर्जन शामिल हैं। टीम का संचालन गढ़वाल मंडल के निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को सौंपा गया है, जिन्हें इस आपदा में नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
*अस्पतालों में बेड आरक्षित, चिकित्सकीय अवकाश पर रोक*
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने आपदा प्रबंधन के तहत राज्य के सभी प्रमुख चिकित्सालयों को निर्देश दिए गए हैं कि गंभीर रूप से घायल मरीजों के इलाज के लिए बेड आरक्षित रखें। साथ ही, सभी चिकित्सा अधिकारियों और कर्मचारियों के अवकाश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है, जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती। यह सुनिश्चित किया गया है कि अस्पतालों में दवाओं, सर्जिकल सामग्री और चिकित्सा उपकरणों की कोई कमी न रहे।
*108 एंबुलेंस सेवा हाई अलर्ट पर*
धराली और आसपास के प्रभावित क्षेत्रों में 108 एंबुलेंस सेवाओं को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इन सेवाओं के माध्यम से घायलों को तत्काल प्राथमिक उपचार देना, उन्हें निकटतम अस्पतालों तक पहुंचाना और संवेदी वर्गों की प्राथमिक चिकित्सा सुनिश्चित करना प्रमुख उद्देश्य है। आसपास के जनपदों से भी एंबुलेंस सेवाओं का समन्वय कर आपदा क्षेत्र में भेजा गया है।
*जिला स्तरीय आपात नियंत्रण कक्ष स्थापित*
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने स्पष्ट किया कि उत्तरकाशी जिले में 24×7 सक्रिय एक आपात नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है। यह नियंत्रण कक्ष राहत और चिकित्सा कार्यों की निरंतर निगरानी करेगा और आवश्यक समन्वय स्थापित करेगा, ताकि किसी भी प्रकार की बाधा को तत्काल दूर किया जा सके।
*लापरवाही पर होगी सख्त कार्रवाई*
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने स्पष्ट किया कि यह एक अत्यंत संवेदनशील और मानवीय आपदा है, जिसमें हर अधिकारी और कर्मचारी से संवेदनशीलता और तत्परता अपेक्षित है। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी प्रकार की लापरवाही पाई जाने पर संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।