उत्तरकाशी जिला सूचना कार्यालय में बड़ा गड़बड़झाला: 8 माह पहले फर्जी बिल पर हुआ लाखों का भुगतान, अब रात के अंधेरे में हो रहा काम, आखिर क्यों?
गजब 8 माह पहले फर्जी बिल पर हुआ लाखों का भुगतान, आरटीआई के डर से अब रात के अंदेरे में हो रहा कार्य

जिला सूचना कार्यालय में उत्तरकाशी में भ्रष्टाचार के छीटें
आरटीआई लगने से सूचना विभाग में मचा हड़कंप, रातों-रात हो रहा कार्य
- गजब 8 माह पहले फर्जी बिल पर हुआ लाखों का भुगतान, आरटीआई के डर से अब रात के अंदेरे में हो रहा कार्य
उत्तरकाशी/देहरादून, ब्यूरो। सरकार की आंख, कान और नाक कहे जाने सूचना विभाग में ही जब भ्रष्टाचार के मामले सामने आएं तो इसे क्या उपनाम और उपाधि दी जा सकती है? आखिर जिला सूचना कार्यालय उत्तरकाशी में क्या गड़बड़झाला हुआ जो चार महीने आरटीआई का जबाब नहीं दिया गया। इससे उत्तरकाशी से लेकर देहरादून तक चर्चाओ का बाजार गर्म है।
बता दें कि पांच मई 2025 को 14 पॉइंट्स की एक RTI जिला सूचना कार्यालय उत्तरकाशी से सूचना मांगी थी। लेकिन, लोक सूचना अधिकारी ने 30 दिन के भीतर सूचना उपलब्ध करने के बजाय 30 दिनों बाद सूचना का शुल्क जमा करने का पत्र प्रेषित किया। जबकि सूचना के अधिकार अधिनियम 2013 के धारा 7(क) के तहत एक सप्ताह में शुल्क का पत्र जारी होता है।
सूत्रों के अनुसार उत्तरकाशी सूचना कार्यालय में अगस्त 2023 से फरवरी 2025 तक जिला सूचना अधिकारी व अतिरिक्त सूचना अधिकारी तक नहीं था। उस समय जिला सूचना कार्यालय उत्तरकाशी में लाखों रूपए का गड़बड़झाला हुआ है।
बता दें कि जब इस कार्यालय में कोई जिला सूचना अधिकारी नहीं था तब सहायक लेखाकार कीर्ति सिंह पंवार अपने आप सूचना अधिकारी बना रहा हालांकि कागजों में कहीं भी नहीं था। फिर भी ये महोदय सूचना विभाग की गाड़ी और प्रेस नोट समेत अपने चाहते पत्रकारों को अलग-अलग विभागों से लाखों के विज्ञापन के लिए विभागीय अध्यक्षों को पत्र जारी करते थे। यही नहीं सूत्रों की मानें तो सहायक लेखाकार की मिलीभगत से मार्च 2025 को तीन लाख रूपए का भुगतान उत्तरकाशी के एक प्रिंटिंग प्रेस को विकास विकास पुस्तिका के नाम पर नियमों का उल्लंघन कर किया गया। जबकि पत्रिका का प्रकाशन ही नहीं हुआ था और शुभकामना संदेश के लिए बाद में सभी विधायकों को पत्र लिखा गया है।
फर्जी बिल बनाकर इसका अग्रिम भुगतान किया गया। वहीं जिला सूचना कार्यालय के सौंदर्य करण के नाम पर लाखों रूपए का फर्जी भुगतान कर दिया गया। जब 5 मई 2025 को सूचना कार्यालय उत्तरकाशी में 14 बिंदुओं की आरटीआई लगाई गई तब आनन-फानन में जिला सूचना कार्यालय से एक पत्र विधायकों को जारी किया कि विकास पुस्तिका प्रकाशित करनी है, इसके लिए शुभकामना संदेश चाहिए। इसके साथ ही सौंदर्य करण का काम आजकल रातों-रात करवाया जा रहा है।
वहीं, अगस्त 2025 को जब अपीललीय अधिकारी अपर जिला अधिकारी उत्तरकाशी मुक्ता मिश्र ने जिला सूचना अधिकारी को कड़ी फटकार लगाते हुए निशुल्क सूचना उपलब्ध करने का आदेश जारी किया तो जिला सूचना कार्यालय उत्तरकाशी में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में रातों-रात इन दोनों साज-सज्जा का कार्य चल रहा है। इसे साफ जाहिर हो गया कि यदि सूचना का अधिकार नहीं लगता तो सहायक लेखाकार की मिलीभगत से उत्तरकाशी में लाखों रुपए का भ्रष्टाचार का पर्दाफाश नहीं होता। गौरतलब है कि जिला सूचना विभाग सरकार की छवि बनाने के मुख्य कार्य सरकारी नीतियों और उपलब्धियों का जनता तक प्रभावी ढंग से संचार करना, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना, और पत्रकारों , जनता का विश्वास जीतना है।
विभाग जनता के साथ जुड़ाव स्थापित कर सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं और भ्रष्टाचार एवं भय मुक्त शासन को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य है, लेकिन जब सूचना विभाग खुद ही जीरो टॉलरेंस की सरकार को आईना दिखा दे तो इसे आप क्या कहेंगे?
CM धामी या DG सूचना तिवारी क्या ऐसे भ्रष्टाचारी सहायक लेखाकार पर करेंगे कार्रवाई?
विभाग सहायक लेखाकार पर आरोप है कि मुख्यमंत्री ने जिले के पत्रकारों के लिए वर्ष 2024 में दीपावाली के मौके पर गिफ्ट भेजे थे सहायक लेखाकार ने अपने चाहते पत्रकारों को ही वितरित किए अन्य पत्रकारों को वंचित रखा पत्रकारों देने के बजाय अपने रिश्तेदारों को बांट दिए है जिसकी चर्चा आम है।