चम्बा में पेंशनभोगियों के लिए आयोजित हुए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट शिविर, इन्हें घर जाकर भी दी जा रही सेवा
Digital Life Certificate Camp organized for pensioners in Chamba

चम्बा में पेंशनभोगियों के लिए आयोजित हुए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट शिविर
- भारत सरकार के पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग द्वारा पेंशनभोगियों के लिए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (डीएलसी) 4.0 का किया जा रहा आयोजन
- चंबा के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक में डीएलसी शिविरों का हुआ आयोजन
- पेंशनभोगियों को फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से डीएलसी जमा करने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी, अति वरिष्ट नागरिकों को उनके घर जा कर प्रदान की गई डीएलसी सेवा
नई टिहरी, ब्यूरो। विगत शुक्रवार को नई टिहरी के चंबा में भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय के पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग द्वारा पेंशनभोगियों के लिए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (डीएलसी) 4.0 का आयोजन किया गया। डिजिटल सशक्तिकरण के अंतर्गत 1 से 30 नवंबर 2025 तक राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (डीएलसी) अभियान 4.0 का आयोजन किया जा रहा है । डीएलसी अभियान देश भर के 2,000 से अधिक शहरों और कस्बों को कवर करता है ताकि पेंशनभोगियों को विभिन्न डिजिटल माध्यमों से अपने जीवन प्रमाण पत्र जमा करने में सुविधा हो।
इसी कड़ी में अभियान के अंतर्गत शुक्रवार को चम्बा में भी पेंशनभोगियों के लिए कैंप आयोजित किये गए। अभियान में भाग लेते हुए, सुश्री दिव्या ए.बी. निदेशक, पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने चंबा के मसूरी रोड स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के डीएलसी शिविरों का दौरा किया और डिजिटल सेवाओं का लाभ उठा रहे पेंशनभोगियों से बातचीत की। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, भारतीय स्टेट बैंक और इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के अधिकारियों ने पेंशनभोगियों को फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से अपनी डीएलसी जमा करने में सहायता की और उन्हें इस प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। शाखा कार्यालयों और प्रधान डाकघरों में शिविर आयोजित किए गए और कुछ अति वरिष्ठ पेंशनभोगियों के घर जा कर उन्हें डीएलसी सेवा प्रदान की गई।
सुश्री दिव्या ए.बी ने बताया कि डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के बारे में इस अभियान से जागरुकता बढ़ रही है। एनआईसी डीएलसी पोर्टल के माध्यम से दैनिक प्रगति पर भी नज़र रखी जा रही है, जिससे बैंकों और विभागों द्वारा जमा आँकड़ों की रियल-टाईम मॉनिटरिंग संभव हो रही है। उन्होंने बताया कि विभाग डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र अभियान जैसे सतत प्रौद्योगिकी-संचालित सुधारों के माध्यम से पेंशनभोगियों के जीवन को आसान बनाने और डिजिटल सशक्तिकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता सुनिश्चित करता है।
Digital Life Certificate Camp organized for pensioners in Chamba
विभाग 2021 में शुरू की गई आधार-आधारित फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक के उपयोग को बढ़ावा दे रहा है, जिससे पेंशनभोगी घर बैठे स्मार्टफोन का उपयोग करके अपना जीवन प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (डाक विभाग) ने अति-वरिष्ठ और दिव्यांग पेंशनभोगियों को घर-घर जाकर डीएलसी सेवाएँ प्रदान कीं, जबकि बैंकों, पेंशनभोगी संघों और क्षेत्रीय कार्यालयों ने जागरूकता शिविर आयोजित किए और मौके पर ही सहायता प्रदान की।
डीएलसी 3.0 (2024) के दौरान, 1.62 करोड़ से ज़्यादा डीएलसी जमा किए गए, जिनमें से 50 लाख फेस ऑथेंटिकेशन के ज़रिए बनाए गए। मौजूदा डीएलसी 4.0 (2025) में, प्रारंभिक रिपोर्टें रिकॉर्ड स्तर की भागीदारी दर्शाती हैं, जिसमें बैंकों, आईपीपीबी, यूआईडीएआई, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय , सीजीडीए, रेलवे और पेंशनभोगी कल्याण संघों के संयुक्त प्रयासों से 2 करोड़ डीएलसी का लक्ष्य हासिल होने की उम्मीद है।




