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CM पुष्कर सिंह धामी की दूरदर्शी हरित नीति का परिणाम: सिटी फॉरेस्ट पार्क बना देहरादून की नई पहचान

The result of CM Pushkar Singh Dhami's visionary green policy: City Forest Park becomes the new identity of Dehradun

  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की दूरदर्शी हरित नीति का परिणाम: सिटी फॉरेस्ट पार्क बना देहरादून की नई पहचान

सैलानियों को भा रहा सिटी फॉरेस्ट पार्क, पर्यटकों ने की एमडीडीए द्वारा दी जा रही सुविधाओं की तारीफ

पार्क की हर दिन बढ़ती जा रही है लोकप्रियता, बड़ी संख्या में प्रतिदिन पहुंच रहें है लोग, पार्क से सहस्त्रधारा क्षेत्र में बढ़ी पर्यटन की संभावनाएँ- बंशीधर तिवारी

देहरादून, ब्यूरो। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की दूरदर्शी सोच और हरित-शहरीकरण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का परिणाम सिटी फॉरेस्ट पार्क आज देहरादून की नई जीवनधारा बन चुका है। उद्घाटन के बाद से ही यह पार्क न केवल स्थानीय निवासियों की पहली पसंद बनकर उभरा है, बल्कि राज्य के विभिन्न हिस्सों से आने वाले सैलानियों के लिए भी आकर्षण का प्रमुख केंद्र बन गया है। बच्चों, युवाओं, वरिष्ठ नागरिकों और पर्यटकों से भरपूर इस पार्क ने शहर को एक नई ऊर्जा, नई पहचान और प्रकृति से जुड़ने का स्वच्छ वातावरण प्रदान किया है। एमडीडीए द्वारा विकसित यह पार्क आधुनिक हरित अवसंरचना और प्राकृतिक सौंदर्य का दुर्लभ संगम प्रस्तुत करता है।

सिटी फॉरेस्ट पार्क में लगातार बढ़ रही आवाजाही

आज सुबह उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी सिटी फारेस्ट पार्क के निरीक्षण पर पहुंचे। जहां उन्होंने एमडीडीए द्वारा दी जा रही तमाम सुविधाओं का निरीक्षण किया व पार्क में हो रहे कार्यों को लेकर अधिकारियों से फीड बैक लिया। इस दौरान उन्होंने पार्क भ्रमण के लिए आये लगभग 1 हजार से अधिक स्कूली बच्चों, छात्र-छात्राओं और उनके परिजनों तथा विभिन्न राज्यों से आए पर्यटकों से भी विस्तार से बातचीत की। और पार्क को लेकर फीडबैक लेने के साथ ही एमडीडीए द्वारा दी जा रही सुविधाओं को लेकर भी बातचीत की। इस दौरान सभी ने एक स्वर में एमडीडीए द्वारा विकसित सुविधाओं, स्वच्छता, सुरक्षा और पार्क के प्राकृतिक माहौल की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

मुख्यमंत्री धामी की दूरदृष्टि का साकार रूप

उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने कहा कि सहस्त्रधारा रोड स्थित सिटी फॉरेस्ट पार्क, जो लगभग 12.45 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित किया गया है, देहरादून की नई पहचान बन रहा है। यह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसे आधुनिक हरित विकास, पर्यावरण संरक्षण और शहरी स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि यह पार्क प्रकृति, योग, आयुर्वेद, फिटनेस, बच्चों के खेल, पर्यटन और शांत वातावरण इन सभी का अनूठा मिश्रण है। यहां आते ही शहर का शोर पीछे छूट जाता है और एक प्राकृतिक वन जैसी अनुभूति मिलती है, जो देहरादून जैसे तेजी से विकसित होते शहर के लिए अत्यंत आवश्यक है।

उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने कहा सिटी फॉरेस्ट पार्क के शुभारंभ के बाद से हर दिन बड़ी संख्या में लोग यहाँ पहुंच रहे हैं। स्थानीय परिवारों के साथ-साथ राज्य के अलग-अलग जिलों से आए सैलानी भी यहां की प्राकृतिक सुंदरता और आधुनिक सुविधाओं का अनुभव लेने आ रहे हैं। खास बात यह है कि पार्क बच्चों की पहली पंसद बन चुका है। प्रतिदिन माता-पिता के साथ ही जनपद व अन्य शहरों से भी बड़ी संख्या में स्कूलों के बच्चे और छात्र-छात्रायें यहां एजुकेशन व पर्यावरण टूर के लिए पहुंच रहे हैं। सभी पार्क में एक नए तरह का शिक्षाप्रद वातावरण पाकर बेहद उत्साहित दिखाई देते हैं। प्राकृतिक रास्तों पर टहलना, ट्री हाउस में खेलना और खुले वातावरण में सीखना बच्चों को अत्यंत पसंद आ रहा है।

शिक्षा, मनोरंजन और प्रकृति का संगम

आज पार्क में बच्चों की असाधारण भीड़ रही। स्कूलों से आए छात्र प्राकृतिक पगडंडियों पर घूमे, बांस के बने गज़ेबो में बैठे, ट्री हाउस और बच्चों के भूलभुलैया क्षेत्र (डं्रम) में खूब खेलते दिखे। शिक्षकों ने बताया कि देहरादून में बच्चों के लिए इतना सुरक्षित और विशाल प्राकृतिक ओपन स्पेस मिलना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है।

वन जैसी शांति, शहर जैसी सुविधा

इस पार्क का विकास इस तरह किया गया है कि प्राकृतिक ढलान, पेड़-पौधों का आवरण, मौसमी नाले और मिट्टी की बनावट को यथावत रखा जा सके। इस कारण यहां का हर कोना जंगल जैसा सौम्य और शांत अनुभव प्रदान करता है।

पार्क की मुख्य विशेषताएँ–

1.2 किमी वन-वॉक फिटनेस ट्रेल

3.5 मीटर चौड़ा प्राकृतिक परिधि मार्ग

आधुनिक साइकिल ट्रैक

प्राकृतिक ढलानों में बना डं्रम (बच्चों की भूलभुलैया)

झूला पुल, ध्यान एवं योग स्थल

एक्यूपंक्चर ज़ोन

रंग-बिरंगे फूलों की क्यारियाँ

खुले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों हेतु ओपन एयर थिएटर

आकर्षक ट्री हाउस, बांस गज़ेबो

स्केटिंग रिंक, पठन क्षेत्र, पेबल वॉक, कैफेटेरिया

जैव विविधता को समर्पित वेटलैंड रिस्टोरेशन ज़ोन

इन सुविधाओं के कारण यह पार्क स्वस्थ जीवनशैली, मनोरंजन, शिक्षा और पर्यटन चारों को एक साथ समाहित करता है।

देहरादून का सबसे बड़ा आधुनिक हरित ढांचा

एमडीडीए ने लगभग 40.07 करोड़ रुपये की लागत से इस पार्क को आधुनिक हरित अवसंरचना का उत्कृष्ट मॉडल बनाने का लक्ष्य रखा है। पार्क का प्रवेश द्वार महासू देवता मंदिर की शैली में तैयार किया गया है, जो सांस्कृतिक सौंदर्य को आधुनिकता के साथ जोड़ता है। सुव्यवस्थित पार्किंग, टिकट घर, सूचना केंद्र, स्वच्छ शौचालय, पेयजल फव्वारे, आरामदायक बेंच, मुख्य पथ, जल पौधों वाला एक्वाटिक एरिया, परिदृश्य-आधारित वॉकवे और पूरे क्षेत्र में सफाई के उचित प्रबंध ये सब एमडीडीए की गुणवत्तापूर्ण कार्यप्रणाली को दर्शाते हैं।

सैकड़ो की संख्या में प्रतिदिन पहुंच रहे पर्यटक व स्थानीय लोग

उद्घाटन के बाद से रोजाना बड़ी संख्या में लोग पार्क में सैर, जॉगिंग, योग, फोटोग्राफी और पारिवारिक समय बिताने के लिए आ रहे हैं। बुजुर्गों के लिए सुरक्षित बैठने की व्यवस्था, महिलाओं के लिए फिटनेस ट्रैक और बच्चों के लिए सुरक्षित ओपन-प्ले एरिया इसे परिवारों का सबसे पसंदीदा गंतव्य बना रहा है।

पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा

सिटी फॉरेस्ट पार्क से सहस्त्रधारा क्षेत्र में पर्यटन की संभावनाएँ और बढ़ी हैं। इससे स्थानीय दुकानदारों, कैफे, छोटे व्यवसायों, गाइडों और रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी। एमडीडीए का मानना है कि यह पार्क आने वाले समय में देहरादून की पर्यटन-छवि को नई ऊंचाई देगा।

हरित-पर्यटन पहचान का प्रमुख स्तंभ होगा पार्क – बंशीधर तिवारी

उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने कहा कि बच्चों की भारी उपस्थिति ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह पार्क नई पीढ़ी के लिए अत्यंत उपयोगी और प्रेरणादायक बनेगा। उन्होंने कहा, “यह पार्क बच्चों की मुस्कान, युवाओं की ऊर्जा और परिवारों की खुशी को प्रकृति के बीच जोड़ने वाला एक जीवंत केंद्र बनेगा। आने वाले समय में यह देहरादून का धड़कता दिल और राज्य की हरित-पर्यटन पहचान का प्रमुख स्तंभ होगा।”

पार्क देहरादून की हरित धरोहर है- मोहन सिंह बर्निया

सचिव मोहन सिंह बर्निया ने कहा कि सिटी फॉरेस्ट पार्क केवल एक पार्क नहीं, बल्कि राजधानी का हरित भविष्य है। यहाँ प्रकृति, स्वास्थ्य, योग, आयुर्वेद, बच्चों का खेल, पर्यटन और आधुनिक शहरी सौंदर्य सभी एक साथ मौजूद हैं। आने वाले वर्षों में यह पार्क देहरादून की पहचान और गौरव बनेगा।

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