Breaking Newsअपराधउत्तर प्रदेशउत्तराखंडदेश-विदेशहिमाचल
Trending

रिसोर्ट में इन्वेस्टमेंट के नाम पर 5 करोड़ की ठगी! ऐसे झूठे मुकदमे फंसाया, व्यवसायी चेतन नेगी ने लगाई न्याय की गुहार

A businessman, Chetan Negi, has appealed for justice after being defrauded of 5 crore rupees in the name of investment in a resort and subsequently framed in false cases.

रिसोर्ट में इन्वेस्टमेंट के नाम पर 5 करोड़ की ठगी! ऐसे झूठे मुकदमे फंसाया, व्यवसायी चेतन ने लगाई न्याय की गुहार

देहरादून, ब्यूरो। देहरादून स्तिथ उत्तरांचल प्रेस क्लब में धोखाधड़ी और रिसोर्ट में इन्वेस्टमेंट के नाम पर करीब 5 करोड़ लगाने के बाद भी उन्हें रिसोर्ट से बेदखल करने पर पीड़ित व्यवसायी चेतन नेगी  ने अपनी आप बीती मीडिया के सामने रखी। उन्होंने कहा कि 2021 में मेरे बचपन से मित्र तथा सहपाठी रहे श्री रविन्द्र मिश्रा द्वारा मुझे पौड़ी गढ़वाल की यम्केश्वर विधानसभा के अंतर्गत तथा ऋषिकेश स्वर्गाश्रम के निकट स्थित ग्राम- जोगियाना में अपने साथियों के साथ लीज पर प्राप्त की गयी भूमि पर रिसॉर्ट बनाने में पार्टनरशिप का झांसा देकर 50 लाख रुपए में 25% की हिस्सेदारी देने का वादा किया गया।

रविन्द्र मिश्रा और उसकी पार्टनर सांघवी श्रीवास्तव द्वारा धीरे-धीरे मुझसे रिजॉर्ट बनवाने में कई करोड़ खर्च करवा कर और बाद में 1 करोड़ 1 लाख सांघवी श्रीवास्तव ने अपनी पार्टनरशिप बेचने के नाम पर ठगी करके 62.5% के डॉक्यूमेंट बनवा दिये, जिसमें मुंबई के एक व्यक्ति अनुपम बागड़ी की पत्नी अंजलि मलिक को 1 करोड़ 5 लाख रुपए के एवज में 25% और रविंद्र मिश्रा को 12.5% का पार्टनर रखा जबकि रविंद्र मिश्रा के द्वारा रिसॉर्ट को बनाने हेतु मुझे 1 भी रुपए का भी भुगतान नहीं किया।

इसके बाद मैंने 1 करोड़ 30 लाख रुपए अंजलि मलिक को देकर और 60 लाख रविंद्र मिश्रा के ब्लैकमेल व लगातार प्रताड़ित करने पर इन सबकी हिस्सेदारी भी खरीद ली। लेकिन डॉक्यूमेंट्स साइन करने में अकेले रविंद्र मिश्रा द्वारा आज-कल आज-कल करके समय खराब करता रहा और जब आखिरी बार जब 20 लाख की रकम प्राप्त कर ली तो मुझ पर लक्ष्मणझूला पुलिस से फर्जी मुकदमा/केस दर्ज करवा मुझे जेल करवा दी, रविंद्र मिश्रा ने अपनी शिकायत में लिखा कि उसने मुझे काम की देख रेख के लिए रखा था और सारी प्रॉपर्टी उसकी है और उसने ही सारा रिसोर्ट बनाया है। इस सारे झूठ को पुलिस ने बिना जांच के सत्य माना और मुझ पर आईपीसी संगीन धाराओं में 420,441,467,468, 471,506 में मुकदमा लिख दिया। इस सारे कांड में रविंद्र मिश्रा ने बिना 1 पैसे की लागत लगाए हुए मुझसे 90 लाख की नाजायज मांग की और लगातार मुझे ब्लैकमेल व प्रताड़ित करता रहा।

इस पूरे कांड में कई पुलिस कार्मिकों ने रविंद्र मिश्रा, सांघवी श्रीवास्तव और उनके परिवार वालों का साथ दिया। लैंसडौन, जिला पौड़ी गढ़वाल में व्यवसायरत राजस्थान मूल के मिष्ठान व्यवसायी परिवार के सदस्य उक्त रविंद्र मिश्रा के रिश्ते के दो भाईयों क्रमशः श्री कमलेश शर्मा तथा श्री नितेश शर्मा जो कि उत्तराखण्ड पुलिस महकमे में सब इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं, के सहयोग संरक्षण तथा वरदहस्त में उनके एक अन्य भाई दिनेश शर्मा की अगुवाई में उत्तर प्रदेश से बुलाए गए बदमाशों की मदद से 27 मई 2024 को रिजॉर्ट पर बलात् कब्जा कर लिया गया।

अत्यन्त उल्लेखनिय है की रिजॉर्ट पर उक्त आपराधिक अतिचार किये जाने के समय श्रीमान परगना मजिस्ट्रेट यमकेश्वर गढ़वाल द्वारा रिजॉर्ट पर कब्जे की यथा-स्थिति बनाए रखने का न्यायिक आदेश अस्तित्व में था। अति उल्लेखनीय है की सोची समझी साजिश के अन्तर्गत रिजॉर्ट को बलात् कब्जाने के लिये उक्त दिनेश शर्मा की अगुवाई में आये बदमाशों ने बंदूक की नोक पर रिजॉर्ट में हमला किया और रिजॉर्ट के प्रांगण में लगे सी०सी०टी०वी० कैमरों का डी०वी०आर निकाल कर लूट और डकैती की घटना को 27 मई 2024 को पुलिस की मौजूदगी में तत समय लोकसभा चुनाव 2024 की प्रक्रिया के क्रम में लागू स्थायी निषेधाज्ञा के दौरान अंजाम दिया गया।

मैं रिसोर्ट को एक साल से चला रहा था और वहां से अपनी लागत का पैसा रिकवर कर रहा था। इस विश्वास पर कि सारी प्रॉपर्टी पर खर्चा मुझे ही करना है, मैने 88 लाख रुपए वर्ष 2023-2024 में भी रिसॉर्ट पर लगाए। जमीन मालिकों को भी मेरे द्वारा समय-समय पर किराया पहुंचाया गया। कुल मिलाकर मेरे 5 करोड़ से ऊपर लागत का तथा 1 करोड़ के करीब ब्याज का लग गया। पिछले डेढ़ साल से लक्ष्मणझूला पुलिस की नाक के नीचे रिजॉर्ट से पैसा लूटा जा रहा है और अभी तक रिजॉर्ट से करीब 2 करोड़ की मेरी कमाई भी लूट ली गई है. इस बंदर बांट में कई पुलिस वाले मेरे पुराने पार्टनर और उत्तर प्रदेश के बदमाश सम्मिलित है। उपजिलाधिकारी यमकेश्वर कार्यालय के कानूनगो और पटवारी इस अवैध कब्जे में शामिल हैं।

इस रिसॉर्ट को बनाने में आ रही पैसे की कमी और रविन्द्र मिश्रा, सांघवी श्रीवास्तव और अंजलि मलिक के पार्टनरशिप शेयर को खरीदने के चलते. मैने अपना नोएडा वाला घर तथा कोटद्वार की जमीन का कुछ हिस्सा भी बेच दिया और 2 करोड़ से अधिक लोन लिया, जिसकी किस्त और ब्याज में पिछले 3 साल से भर रहा हूँ। मैं इन लोगों के द्वारा फर्जी केस में फंसाए जाने के चलते, 24 दिन जेल में रहा और अंततः मई 2025 को माननीय न्यायालय से निर्दोष उन्मोचित कर दिया गया।

इस सारे घटनाक्रम में मेरे जीवन के महत्वपूर्ण 5 साल के करीब समय भी बर्बाद हो गया। इस घटना की वजह से मेरा दिल्ली में प्रिंटिंग का काम भी काफी हद तक बर्बाद हो गया। वर्तमान में इसी मामले में, एफआईआर संख्या 61/2025 थाना लक्ष्मणझूला में साजिश में शामिल इन 25 लोगों के विरुद्ध दर्ज हो चुकी है, जिसमें विवेचना जारी है। यह रिजॉर्ट आज भी पूर्व का नाम सुखम रासा रिवर रिसॉर्ट से बदलकर समसारा नाम से अवैध रूप से संचालित हो रहा है। मैं मानसिक रूप से बहुत परेशान और हताश हूँ। लेकिन पौड़ी के नवनियुक्त एसएसपी सर्वेश पंवार के पदभार ग्रहण करने के बाद मुझे संपूर्ण प्रकरण में पारदर्शिता से जांच और न्याय की आश जगी है। मेरे साथ हुए इस अपराध की साजिश में संलिप्त, लक्ष्मणझूला थाना के पूर्व पुलिसकर्मी, आईओ अनिल चौहान, आईओ अरविंद चौधरी, एसएचओ रवि सैनी, मेरे पुराने पार्टनर, उनके परिवार वाले एवं उनकी मदद करने वाले उत्तर प्रदेश से आए बदमाश, उत्तराखंड के मूल निवासी नहीं हैं, जो मुझ पौड़ी जनपद के ही मूल निवासी का हर तरह से उत्पीड़न कर ये साबित कर रहे हैं कि आज पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड में यहां का मूल निवासी किस हाल में जिंदगी जीने को मजबूर हैं।

पूरी साजिश में शामिल मेरी एक पूर्व पार्टनर सांघवी श्रीवास्तव का पति, मनीष श्रीवास्तव, जो इस पूरी साजिश में आरोपी है, BHEL हरिद्वार में सरकारी नौकरी करता है और उसके बावजूद अवैध रूप से बद्रीनाथ और जोशीमठ में अपनी पत्नी के नाम से अवैध रूप से होटलों को लीज में लेकर उनका संचालन भी करता है, इनके तार बद्रीनाथ, तपोवन और हरिद्वार से जुड़े हैं।

मैं केस के सिलसिले में पौड़ी के तत्कालीन एसएसपी लोकेश्वर सिंह जी से भी दो बार मिला, मगर उनके आश्वासन के बावजूद मुझे फर्जी मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। मेरे गिरफ्तारी का एक वीडियो भी बनाया गया जिसे सोशल मीडिया पर भी वायरल किया गया, उसमें मेरा नाम और घर का पता भी डाल दिया गया, जिससे मेरी बहुत जग हंसाई और मानहानि हुई, बाद में मानव अधिकार आयोग में मेरे साथ हुई पुलिस ज्यादती की शिकायत होने के बाद पुलिस द्वारा सोशल मीडिया से मेरा नाम और पता हटाया गया।

मैं चेतन नेगी अपनी गिरफ्तारी से पहले तत्कालीन IG गढ़वाल रेंज से भी मिला और उन्हें सारा मामला समझाया, उन्होंने मेरे सामने ही SHO लक्ष्मणझूला रवि सैनी को मामले में FR लगाने को बोला, लेकिन उनकी बात भी को भी SHO लक्ष्मणझूला रवि सैनी ने नहीं माना। उसके बाद वर्ष 2025 में मैने साजिशकर्ताओं के खिलाफ थाना लक्ष्मणझूला में शिकायत दी, मेरी शिकायत पर FIR में 25 लोगों को नामजद किया गया है, साजिशकर्ताओं के खिलाफ मेरी शिकायत पर FIR दर्ज होने के दो दिन बाद मुझे कोटद्वार कोर्ट परिसर के अंदर उक्त रविन्द्र मिश्रा तथा मनीष श्रीवास्तव के इशारे पर राजीव गौड़ नामक व्यक्ति द्वारा उनकी मौजूदगी पीटा गया तथा मुकदमा वापस न लेने पर जान से मारने तक की धमकी दी गई। इतना ही नहीं, मेरे एक गवाह को 35 लाख की पेशकश कर मेरे केस पर विपरीत प्रभाव डालने की भी कोशिश की गई। इन घटनाओं से मेरे केस में बहुत प्रभाव पड़ा है, उत्तराखंड के पौड़ी जिले के शांतिप्रिय इलाके में इतनी बड़ी लूट, डकैती, फ्रॉड, फॉर्जरी, धोखाधड़ी और कब्जा करना बहुत ही बड़े प्रभावशाली गिरोह के बिना मुमकिन नहीं है, अतः इस पूरी साजिश में संलिप्त लोगों, पुलिस कर्मियों और दोषी अधिकारियों की जवाबदेही तय कर उन्हें कानूनी रूप से दंडित करना आवश्यक है।

इस पूरी साजिश में संविधान के आर्टिकल 21 के अंतर्गत मुझे प्रदत्त अधिकारों का घोर उल्लंघन एवं पुलिस द्वारा दुर्भावनापूर्ण अभियोजन व अवैध हिरासत के द्वारा मेरा बेहिसाब मानसिक, शारीरिक, आर्थिक तथा सामाजिक उत्पीड़न किया गया। मुझे 41A का नोटिस देकर भी गिरफ्तार कर दिया गया और गिरफ्तारी का कारण तक नहीं बताया गया।

मुझे साजिशकर्ताओं और दोषी पुलिस कार्मिकों से अपनी जान का खतरा बना हुआ है। मुझे जानकारी प्राप्त हुई है कि मेरे साथ हुई इस साजिश के तार DGP कार्यालय में नियुक्ति प्राप्त एक पुलिस कार्मिक जो की उक्त सम्पूर्ण घटना-क्रम के दौरान मुझसे धोखाधड़ी करने वाले व्यक्तियों में से कुछ के साथ तथा उक्त षडयंत्र में शामिल तथा अनैतिक सहयोग कर रहे पुलिस कार्मिकों से लगातार सम्पर्क में था से जुड़े हैं।

मैं यूकेडी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं एवं लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में प्रेस वार्ता में मौजूद सभी गणमान्य बंधुओं का धन्यवाद करता हूं जो आप सभी मुझे न्याय दिलाने हेतु आगे आये हैं। मुझे उम्मीद है मुझे न्याय मिलेगा और दोषियों पर कार्यवाही होगी, जिससे उत्तराखंड के मूल निवासी के उत्पीड़न की भविष्य में कोई सोच भी न सके और उत्तराखंड, देश में शांतिपूर्ण राज्य देवभूमि के रूप में अपना परचम लहरा सके।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button