
उत्तराखंड के इस भ्रष्ट IFS, ठेकेदार और कर्मियों पर विजिलेंस ने दर्ज किया इन धाराओं में मुकदमा
देहरादून, ब्यूरो। अक्सर चर्चाओं में रहे भ्रष आईपीएस किशनचंद पर विजिलेंस ने भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। वन विभाग के उपनिदेशक रहते हुए उन पर कई योजनाओं में हेर फेर और अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। उत्तराखंड शासन से अनुमति मिलने के बाद अब विजिलेंस ने एक और मुकदमा दर्ज करते हुए आई एफ एस किशन चंद वन विभाग के कर्मचारियों और ठेकेदार पर विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। आय से 5 गुना ज्यादा संपत्ति को लेकर चर्चाओं में रहे उत्तराखंड के भ्रष्ट आईएफएस किशनचंद के खिलाफ विजिलेंस ने हल्द्वानी इलाके में मुकदमा दर्ज किया है। विजिलेंस अफसरों से मिली जानकारी के अनुसार कार्बेट नेशनल पार्क के कालागढ़ रेंज में निर्माण कार्यों और योजनाओं में हुई अनियमितताओं को देखते हुए यह कार्रवाई की गई है। तत्कालीन कालागढ़ रेंज के उपनिदेशक किशन चंद के साथ ही अन्य विभागीय कर्मचारियों और ठेकेदार के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 420, 467, 468 के साथ ही वन संरक्षण अधिनियम 1980 और वन संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले में अग्रिम कार्रवाई जारी है। उत्तराखंड शासन से अनुमति मिलने के बाद विजिलेंस ने आईएफएस किशन चंद समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है। अब देखना होगा कि विजिलेंस कब तक इन आरोपियों के खिलाफ कारवाई करने के साथ ही इन्हें सलाखों के पीछे डालती है।
बता दें कि वन विभाग चर्चित और भ्रष्टाचार में लिप्त रहे आईएफएस किशनचंद जहां-जहां भी तैनात रहे, उनके घपले-घाटाले अक्सर चर्चाओं में रहे हैं। उत्तराखंड शासन में किशन चंद समेत दो आईएफएस उत्तराखंड शासन ने कुछ दिन पहले ही निलंबित किए हैं। उत्तराखंड शासन से अनुमति मिलने के बाद अब जल्द किशनचंद पर कार्रवाई की आज जगी है। पहले के कई मामलों में किशनचंद कोर्ट से स्टे लेकर अक्सर बरी होते रहे हैं। हालांकि कई मामले अभी भी विचाराधीन हैं। दूसरी ओर विजिलेंस की कार्रवाई के बाद किशनचंद और उनके मातहत कर्मी और ठेकेदारों पर कब और क्या कार्रवाई होगी यह आने वाला वक्त ही बताएगा।