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बीस साल से बंजर खेत किए आबाद, खेतों में फिर लौटी रौनक; उगा रहे ये नकदी फसलें

बीस साल से बंजर खेत किए आबाद, खेतों में फिर लौटी रौनक; उगा रहे ये नकदी फसलें

नौगांव/उत्तरकाशी, ब्यूरो। उत्तरकाशी जनपद के नौगांव विकासखंड में एक गांव ऐसा भी है जहां करीब बीस साल से बंजर पड़े खेतों में फिर से हरियाली आई है। बीस साल पहले जिन खेतों में रोपाई होती थी वह आज फिर से आबाद किए गए हैं। यहां विभिन्न मौसमी सब्जी और टमाटर, मटर आदि नकदी फसलें लहलहा रही हैं। दरअसल, हम बात कर रहे हैं नौगांव विकासखंड के कोटियालगांव की। यहां यमुना नदी से लगे हंसोरानामा तोक में सैकड़ों नाली जमीन बंजर पड़ी थी। एक साल पहले गांव के युवा अरविंद नौटियाल ने अपने पुश्तैनी खेतों को आबाद करने की मुहिम शुरू की। अब फिर से बंजर खेत फसलों से लहलहा रहे हैं। 

ग्रामीण अरविंद नौटियाल ने हंसोरानामा तोक में ट्रैक्टर के माध्यम से जुताई करवाई और यहां पर टमाटर, गोभी, कद्दू, खीरा, मटर आदि नकदी फसलों की खेती शुरू की। उन्होंने बताया कि करीब बीस साल पहले यहां ग्रामीण अपने खेतों में आलू, मटर और अन्य फसलों के साथ ही धान की रोपाई करते थे। यहां पर सिंचाई विभाग की नहर टूटने और लघु सिंचाई की हाईड्रम प्रोजेक्ट के माध्मय से खेतों तक पानी पहुंचाया जाता था। बाढ़ के बाद यमुना नदी से पानी का स्रोत टूटने, नहरों और हाईड्रम प्रोजेक्ट ठप्प होने के बाद धीरे-धीरे यहां के खेत लोगों ने छोड़ दिए। अब उन्होंने फिर से इन बंजर खेतों को आबाद करने की मुहिम शुरू की है। उन्होंने कहा कि उन्हें आधुनिक सिंचाई के साधनों की अभी भी दरकार है।

अरविंद नौटियाल के अनुसार अगर यहां पर केंद्र और राज्य सरकार के माध्यम से किसानों को सुविधाएं मिले तो वह और अच्छे तरीके से इन खेतों में फसलें उगा सकते हैं। इसके साथ ही बताया कि अब गांव के अन्य लोग अपने खेत फिर से आबाद कर रहे हैं। बीस साल से बंजर पड़े खेत अब फिर लहलहाने लगे हैं। कुछ ग्रामीणों ने अपने खेत अब नेपाली मूल के लोगों को किराये पर भी दिए हैं।

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