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UKSSSC पेपर लीक: “निष्पक्ष हो रही जांच, किसी को नहीं बख्शेंगे, 15 अरेस्ट; 50 से ज्यादा रडार पर”

UKSSSC पेपर लीक: “निष्पक्ष हो रही जांच, किसी को नहीं बख्शेंगे, 15 अरेस्ट और 50 से ज्यादा रडार पर

देहरादून, ब्यूरो। यूकेएसएसएससी (उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग) की दिसंबर 2021 में हुई स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने के 15 आरोपियों को एसटीएफ अरेस्ट कर चुकी है। एक दिन पहले ही उत्तराखंड सचिवालय का वन एवं लोक निर्माण विभाग में एक अपर निजी सचिव गौरव को भी पूछताछ के बाद एसटीएफ ने अरेस्ट कर लिया। आरोपी पर 15-15 लाख रुपये में पेपर बेचने के गंभीर आरोप लगे हैं। इसके अलावा उत्तराखंड सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी भी एसटीएफ की रडार पर बताया जा रहा है। इस संवेदनशील मामले में आज गुरुवार को उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय में डीजीपी अशोक कुमार ने प्रेस वार्ता की। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि दिसंबर 2021 में आयोजित हुई उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में अभी तक ₹8300000 कैश बरामद हो चुका है। मामले में अभी तक एसटीएफ 15 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। उन्होंने यह भी बताया कि 50 से अधिक और अभ्यर्थी पुलिस की रडार पर हैं जिन्होंने नकल या अनुचित माध्यम का प्रयोग कर परीक्षा उत्तीर्ण की है। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि मामले में चेन से चेन जोड़ते हुए विवेचना जारी है। किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। साथ ही उन्होंने एसटीएफ की पूरी टीम को आउट स्टैंडिंग वर्क के लिए 15 अगस्त सम्मानित किया जाएगा। पुलिस महानिदेशक ने मामले में किसी भी तरह के राजनीतिक और शासन स्तर के दबाव से साफ इंकार किया है। साथ ही यह भी बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले में निष्पक्ष जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस निर्दोष व्यक्ति को परेशान नहीं करेगी, लेकिन साजिशकर्ताओं का पर्दाफाश कर सलाखों के पीछे जरूर डालेगी।

डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि किसी भी तरह का कोई प्रशासनिक या राजनीतिक दबाव पुलिस के ऊपर नहीं है। उन्होंने बताया कि ₹8300000 कैश के अलावा कई करोड़ रुपए के बॉन्ड पेपर समेत अन्य संपत्तियां, वाहन, पेपर लीक से कमाए गए पैसे से हुई लेनदेन की तफ्तीश कर रही है। कई और संदिग्ध भी पुलिस के रडार पर हैं। एक सवाल के जवाब में डीजीपी ने कहा कि नेता हों या सफेदपोश नौकरशाह, दोषी पाए जाने पर किसी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संवेदनशील मामले में निष्पक्ष जांच करने के आदेश दिए हैं। किसी भी स्तर तक पुलिस मामले में दोषी आरोपियों को अरेस्ट करेगी। बताया कि इस परीक्षा के अलावा अगर किसी और भर्ती एग्जाम की भी पुख्ता सबूतों के साथ शिकायत आती है तो उसकी जांच भी की जाएगी। पत्रकारों के कई सवालों का हालांकि डीपीपी जवाब नहीं दे पाए या उन्होंने तोड़ मरोड़ कर जवाब दिया। पूर्व में हुई इसी तरह की परीक्षा की धांधली के मामले में आरोपियों के कोर्ट से बरी हो जाने के सवाल का वह गोलमोल जवाब दे गए। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि मामले की विवेचना जारी है। किसी भी स्तर के अधिकारी अथवा पार्टी के नेता को बख्शा नहीं जाएगा। अब देखना होगा कि कोर्ट तक पहुंचते-पहुंचते कितने आरोपियों के खिलाफ पुलिस सख्त से सख्त कार्रवाई करवा पाएगी। पहले की भर्ती परीक्षाओं की धांधली के आरोपियों की तरह इस भर्ती के पेपर लीक मामले में पकड़े जा रहे नकल बाज और नकल करवाने वाले कोर्ट से सख्त सजा पाने के बाद सलाखों के पीछे होंगे या फिर अन्य ऐसे मामलों की तरह बरी होकर फिर से किसी अन्य परीक्षा में धांधली करेंगे।

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