देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी और देहरादून स्मार्ट सिटी कहीं न कहीं नाममात्र की ही रह गई है। बरसात में स्मार्ट सिटी देहरादून के दावों की जगह-जगह पोल खुल रही है। कहीं कूड़े के ढेर परसे हुए हैं, तो कहीं कीचड़ तो कहीं जलभराव और बदबू से लोग परेशान हैं। जी हां, यही हाल है देवभूमि उत्तराखंड की अस्थायी राजधानी देहरादून का। करोड़ों-अरबों खर्च कर दून को स्मार्ट सिटी बनाने के तमाम दावे किए जा रहे हैं, लेकिन हालात सभी के सामने हैं। कहीं न कहीं नगर-निगम और एमडीडीए की लापरवाही से स्थानीय लोग परेशान हैं। कई जगह सड़कें खोद कर छोड़ दी गई हैं। बरसात में भी खानापूर्ति के लिए काम निपटाए जा रहे हैं।
वैसे तो हर कालोनी में लोग परेशान हैं लेकिन, आजकल पथरी बाग चैक से राजराजेश्वरी कालोनी में जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा है। डॉ. विजय विश्वकर्मा, ओमप्रकाश, दिवाकर सहित राजराजेश्वरी कालोनी व आशीर्वाद एंक्लेव के समस्त कालोनी वासियों का कहना है कि जैसे ही हम पथरी बाग चैक से कालोनी की तरफ आते हैं तो सिंचाई-नाली के चैनल/विभाजक फाटक के पास लगे कूड़े के ढेर व उसमें पड़े सड़े-गले-मरे-जानवरों की दुर्गंध से आने जाने वाली आम जनता काफी परेशान हो रही है। जहां से पैदल होकर गुजरना भी मुश्किल हो गया है। इसके लिए प्राशासन, एमडीडीए, नगर निगम व सम्बद्ध जनप्रतिनिधि-सांसद, विधायक, पार्षद, कालोनी समिति भी सब कुछ देखते हुए आँखेँ मूंदे हुए हैं। क्योंकि महकमे जरा भी जागरूक होता तो निगम का कूड़ादान अब तक आस पास की कालोनियों में जगह जगह रखवा दिया होता। दूसरे जो जनता अपने हाथ से कूड़ा बाहर फेंकना चाहे,उन्हें भी आसानी हो जाती,लेकिन सालों बीत गए,अभी तक कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है।
दूसरी समस्या, कालोंनी में सर्वत्र विचरण कर रहे पालतू व आवारा पशु तथा सूवरों के आतंक का है,जिनसे खेतिहर लोगों के चारे,फसल व साग सब्जियां बर्बाद तो हो ही रही है। इससे बदबूदार गंदगी भी बढ़ी है, खेतिहर किसानों,मजदूरों को ज्यादा आर्थिक नुकशान उठाना पड़ रहा है। लोगों के घरों के आसपास व कुछ घरों के चारों ओर सुवरों ने मिट्टी को खोदकर गड्ढा तक से बना दिया है जिसकी फोटो कई बार पार्षद महोदय को भेजी जा चुकी है।
तीसरी प्रमुख समस्या एक निर्माणाधीन मकान के बाहर रोड पर निरन्तर जमा हो रहे गंदे पानी से हो रही है। यह पानी आवागमन के मुख्य सड़क के बीचोबीच जमा है। निकासी के सारे रास्ते बंद हैं। ऊपर से अगल बगल के निवासियों के सीवर व घर का पानी भी 24 घंटे इसी में जमा हो चुके सड़क के पानी में मिल जा रहा है। इससे कार, बाइक, स्कूटर व पैदल तक आने जाने वालों के लिए कोई जगह नहीँ बची है। आम जनता जो अपनी पसंद का जनप्रतिनिधि चुनती है,,नगर निगम को हाउस टैक्स देती है,समिति का अभी सहयोग करती है,,इसके बावजूद प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के व्यवहार से सभी बहुत दुखी व निराश है। राजराजेश्वरी कालोंनी,आशीर्वाद एंक्लेव कालोनी की सभी सडकें टूटी पड़ी हैं,,सीवर लाइनें नहीं बिछी हैं। जल-निकासी की कोई मुकम्मल व्यवस्था आज तक नहीं बनी हैं।
सड़क व घरों के बाहर जो पुरानी नालियां थी,बरसात में वो सब चोक होकर टूटी पड़ी हैं। बरसात में उसमें रुका पानी रोगों को बुलावा दे रहा है। इन सबसे सभी निवासी व आम जनता बहुत दुःखी हैं। यदि उपरोक्त कारणों से डेंगू,हैजा,मलेरिया,कोरोना फैलता है,तो आखिर जिम्मेदारी किसकी होगी? इसलिए हम सब निवेदन करते हैं कि विधायक, नगर निगम, एमडीडीए, पार्षद व समिति सभी लोग इन समस्याओं की गम्भीरता को समझते हुए इनसे मुक्ति दिलाने की कृपा करें।