सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला (वीरेन्द्र देव गौड़)
(1)
लोकतंत्र के वीर लड़ाको
तुम शूरवीर संसार के
जान हथेली पर रख कर जिहादी-आतंकियों से लड़ने वालो
तुम धरती के स्वाभिमानी पुत्र हो पंजशीर के
दिखा दिया दुनिया को तुमने
हिम्मत क्या होती है
दिखा दिया तुमने बर्बर जिहादी-आतंकियों को
वीरता क्या होती है
इस समय जब दुनिया को देना था तुम्हारा साथ
वह तमाशबीन बनी असमंजस में बैठी है
शूरवीर पंजशीरियो तुमने जिहादी आतंक के आगे
भड़काई है जो महाक्रांति की ज्वाला
सहम गए हैं दुनिया भर के जिहादी-आतंकी
याद रखेंगे तालिबानी-जिहादी भी सदियों किस से पड़ गया था पाला।
लोकतंत्र के लिए छेड़े गए तुम्हारे इस भीषण रण में
सभी नीतियों को एक तरफ कर
देगा जो तुम्हारा खुलकर साथ
वही कहलाएगा दोस्तो लोकतंत्र का मतवाला
वही कहलाएगा जिहादी-आतंक का दुश्मन दिल वाला
हर लोकतंत्र को दुनिया के देना चाहिए तुम्हारा खुलकर साथ
हर लोकतंत्र को दुनिया के रखना चाहिए पीठ पर तुम्हारी हाथ।
एक-एक लड़ाका तुम्हारा लोकतंत्र का नायक है
वीरगति पा जाने वाला पूजा के लायक है
सामने तुम्हारे खड़ा जो लोकतंत्र का खलनायक है
यह धरती का सबसे बड़ा शत्रु संहार के लायक है
धन्य-धन्य पंजशीर के रणवीरो तुम्हारा पराक्रम है दंग करने वाला
जिहादी-आतंक मानवता का सबसे बड़ा शत्रु है शूरा-शरियत वाला
हम सब को मिलकर निकालना है इसका दीवाला।
(2)
काबुल की नारी शक्ति ने पलट कर
तालिबानी-जिहादियों की शूरा-शरियत पर
लगाई है जोर की ललकार
कह दिया तालिबानी जिहादियों को
नहीं मानते हम तुम्हारी हैवानी सरकार।
दुनिया की नारी शक्ति को मिलकर
विपदा में पड़ी अफगानी नारियों के हक में
ला देना चाहिए दुनिया में जलजला आर से पार
ताकि दुनिया के किसी भी हिस्से में
बहनों-माताओं पर कबीलाई जुल्मों का
सपने में भी न कर सके कोई हिंसक वार
शूरा-शरियत का पूरी धरती से हो जाए सम्पूर्ण बहिष्कार।
पंजशीर के स्वतंत्रता सेनानियों ने
तालिबानी जिहादियों और जिहादिस्तान (पाकिस्तान) की
गीदड़ सेना को दिला दिया है छठी का दूध याद
लोकतंत्र प्रेमी अफगानियो
निकल कर घरों से सब अपने
मारो तालिबानियों को पकड़-पकड़ कर
कर दो इनके जिहादी नापाक मंसूबों को बर्बाद
साहस बटोरकर तुम सब अपना
प्यारा अफगानिस्तान करो फिर से आबाद।