देहरादून: उत्तराखंड में लोक निर्माण विभाग के 10 पहले हुए तबादलों में सुधार करते हुए इंजीनियरों को इधर से उधर किया गया है। इससे पहले करीब 32 इंजीनियरों को इधर से उधर तबादला किया गया था। पैसा और पहचान से लेकर तमाम साम, दाम, दंड, भेद लगाकर इंजीनियर साहब अपने लिए एक सुरक्षित के साथ ही मलाईदार डिवीजन ढूंढ चुके हैं। इस बात से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोक निर्माण विभाग में पसंदीदा जगह पोस्टिंग करवाना इंजीनियरों के बाएं हाथ का खेल है इसी खेल इसकी कहेंगे क्योंकि करीब 10 दिन पहले हुए तबादलों को किस आधार पर संशोधित किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर यह भी चर्चाओं में है कि शासन स्तर को चढ़ावा सौंप कर इंजीनियर छानबीन कर ऐसे डिवीजन में पोस्टिंग करवा रहे हैं जहां इन्हें अच्छी कमीशन रूपी मलाई और ठीक ठाक बजट मिले।
आपको बता दें कि लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु की ओर से पहले करीब 32 इंजीनियरों को इधर से उधर किया था लेकिन एक बार फिर सचिव साहब ने करीब 15 इंजीनियरों की जिम्मेदारियों को बदल दिया है। इन में पीडब्ल्यूडी कई ईई ज्वाइन करने से पहले ही दूसरी जगह भेज दिये गए हैं।
ऐसा नहीं है कि बिना कुछ लिए दिए तबादलों में फेरबदल किया गया। सूत्र बताते हैं कि मोटा चढ़ावा देकर मनपसंद जगह लोक निर्माण विभाग के कई ईई ठौर ठिकाना तलाश चुके हैं। कई इंजीनियर ऐसे भी हैं जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, लेकिन सत्ता व्यवस्था की आड़ में मोटा चढ़ावा चढ़ा कर अपने तमाम कारनामों पर मिट्टी डालकर इस तरफ लीप पोत दिया जाता है कि इन्होंने शायद ही कोई घपला घोटाला किया हो। बात पीडब्ल्यूडी की ही नहीं है यहां हर एक विभाग में करीब-करीब ऐसा ही हाल है जो भी कर्मचारी फील्ड में हैं या फिर ऊंची ऊंची कुर्सियों पर बैठे हैं। उनको राज्य के विकास से कम अपने विकास से ज्यादा मतलब रहता है।