देहरादून: आज शनिवार को उत्तराखंड के वन एवं पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत की बैठक में पत्रकारों को भी सादर आमंत्रित किया गया था। काफी देर तक बैठक चलती रही। करीब एक घंटे तक चाय, बिस्किट, चिप्स से लेकर पानी आदि सभी चीजें अधिकारियों के साथ साथ पत्रकारों को भी परोसी गई, फोटो, वीडियो क्लिक हुए, लेकिन बैठक के करीब 1 घंटे बाद बैठक में मौजूद अफसरों ने सभी पत्रकारों को लताड़ कर यह पूछा कि आपको बैठक में किसने बुलाया? इसे देखते हुए सभी पत्रकार उठकर बाहर चले गए। थोड़ी देर बाद सभी पत्रकार और कैमरा पर्सन चलती बैठक में अंदर पहुंचे और अपनी नाराजगी जाहिर की। पत्रकारों ने कहा कि उन्हें वन मंत्री और अफसरों की ओर से ही बैठक में सादर आमंत्रित किया गया था। लेकिन, अब यही अधिकारी उन्हें बैठक से बाहर जाने को कह रहे हैं। यह सरासर पत्रकारों की बेइज्जती है। इसे देखते हुए सभी मीडिया कर्मी वहां से चले गए और कवरेज करने से भी मना कर दिया। इस पर अधिकारियों ने भी गलती स्वीकार करते हुए मौके पर ही माफी मांग ली थी, लेकिन पत्रकारों ने एक न सुनी और बाहर आ गए। आपको बता दें कि आज वन विभाग मुख्यालय के मंथन सभागार में वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, भारत सरकार के अफसरों की वन मंत्री हरक सिंह रावत बैठक आज ले रहे थे।
कई मुद्दों पर देर तक चल चर्चा चलती रही। अवैध खनन, दूसरे प्रदेश से आ रहे बजरी, पत्थर, कैंपा बजट से लेकर अन्य बजट हो या मानव वन्यजीव संघर्ष तमाम योजनाओं की मंत्री ने समीक्षा की, लेकिन पत्रकारों की बेइज्जती से बैठक का मजा किरकिरा हो गया। हो सकता है कि अफसर अपनी नाकामियां मीडिया के सामने ना आ जाए उससे चिंतित थे? यही नहीं कई गंभीर मुद्दों पर अफसरों और मंत्री के बीच लंबी बातचीत चलती रही। हो सकता है पत्रकारों के सवालों से बचने के लिए किया गया। पत्रकार काफी देर तक वहीं बाहर खड़े रहे।