उत्तराखंडसमाज

पुरोला विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरेंगे कई दिग्गज

पूर्व जिलाध्यक्ष अमीचंद शाह बोले, दल-बदलुओं को भाजपा पार्टी तरजीह देकर कार्यकर्ताओं को कर रही हतोत्सहित

निर्दलीय प्रत्याशी दुर्गेश लाल भी चुनाव मैदान में उतरकर मुकाबले को बनाएंगे कांटे की टक्कर वाला

उत्तरकाशी: उत्तराखंड की एक नंबर विधानसभा में इन दिनों राजनीतिक पारा हाई है। पुरोला से कांग्रेस पार्टी के विधायक एक ओर जहां कुछ दिन पहले भाजपा में शामिल हो चुके हैं, वहीं पूर्व विधायक मालचंद भी भाजपा से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। दूसरी ओर पार्टी का झंडा-डंडा ढोने वाले कार्यकर्ताओं के हाथ सिर्फ मायूसी ही हाथ लग रही है। पुरोला के लोनिवि गेस्ट हाउस में पत्रकारों से वार्ता के दौरान पूर्व जिलाध्यक्ष अमीचंद शाह ने कहा कि वह भाजपा के लिए पिछले 30 सालों से निःवार्थ सेवा कर रहे हैं। ऐसे में चुनाव के ऐन वक्त पर स्थानीय कांग्रेस विधायक राजकुमार दल बदल कर भाजपा का दामन थाम चुके हैं। इससे पहले भी वह भाजपा में सहसपुर देहरादून से विधायक रहे। अब वह कांग्रेस में विरोध होने के कारण भाजपा का दामन थाम चुके हैं। ऐसे में जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं में रोष है। दूसरी ओर पिछले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय मैदान में उतरे दुर्गेश लाल 13000 वोट लेकर तीसरे नंबर पर रहे थे। दुर्गेश लाल सीमांत मोरी और पुरोला इलाके में अच्छी पकड़ रखते हैं। ऐसे में अगर उन्हें भाजपा टिकट नहीं देती है तो वह भी निर्दलीय फिर से चुनाव मैदान में कूद सकते हैं।

वहीं, अमीचंद शाह ने कहा कि भाजपा जिलाध्यक्ष रहते वक्त उन्होंने पार्टी की रीति-नीति पर चलते हुए कई विकास कार्य इलाके के लिए करवाए हैं। लोनिवि गेस्ट हाउस में हुई पत्रकार वार्ता में उन्होंने पुरोला से टिकट की दावेदारी ठोकते हुए खुद को मजबूत उम्मीदवार बताया है।

साथ ही भाजपा के पूर्व विधायक मालचंद भी भाजपा से टिकट न मिलने पर कांग्रेस पार्टी की ओर रुख कर सकते हैं। चर्चाएं तेज हैं कि जल्द वह कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। ऐसे में पुरोला विधानसभा से फिर चुनावी समीकरण त्रिकोणीय होने के आसार हैं। अगर कांग्रेस उन्हें टिकट देती है तो मुकाबला कांटे की टक्कर का होगा। भाजपा में ऐसे में भीतरघात की पुरजोर संभावनाएं हैं। वहीं, अगर मालचंद को कांग्रेस में तरजीह न मिली तो वह भी निर्दलीय चुनाव मैदान में ताल ठोक सकते हैं।

इससे कहीं न कहीं आने वाले समय में विधानसभा चुनाव के समीकरण बदलने के आसार हैं। अब देखना होगा कि किसे पार्टियां भरोसा जताकर टिकट देती हैं और कौन जनता की नजर में भावी विधायक रूपी अग्नि परीक्षा में पास होगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button