केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यो का जायजा भी लिया, कार्यों की गुणवत्ता के साथ निर्माण में तेजी लाने के निर्देश, तीर्थ-पुरोहितों से मिले, श्रद्वालुओं से भी पूछे हालचाल
रुद्रप्रयाग/देहरादून, उत्तराखंड: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विगत मंगलवार को मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार केदारनाथ धाम पहुंचे। सबसे पहले उन्होंने भगवान केदारनाथ के दर्शन कर प्रदेश और देश की खुशहाली और तरक्की की प्रार्थना की। जिसके बाद धाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लेते हुए उन्होंने सम्बंधित अधिकारियों को कार्य में उच्च गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए निर्माण की गति में तेजी लाने के निर्देश दिए। इस दौरान सीएम ने जहां तीर्थ-पुरोहितों से उनकी समस्याओं पर चर्चा की, वहीं धाम में दर्शनों के लिए आए श्रद्वालुओं के हालचाल भी पूछे।
अपने प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंगलवार सुबह ठीक नौ बजकर दस मिनट पर हेलीकॉप्टर से केदारनाथ धाम स्थित वीआईपी हेलीपैड पर पहुंचे। जहां पर जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक एवं देवस्थानम बोर्ड के पदाधिकारियों ने सीएम का स्वागत किया। हैलीपैड से पैदल चलकर मुख्यमंत्री सीधे केदारनाथ मंदिर पहुंचे। प्रदेश और देश की खुशहाली और तरक्की के लिए मुख्य पुजारी बांगेश लिंग ने रूद्राभिषेक पाठ किया। पूजा-अर्चना के बाद मुख्यमंत्री ने सबसे पहले निर्माणाधीन आदिगुरू शंकराचार्य समाधि स्थल का निरीक्षण किया। उन्हांेने यहां कार्य कर रहे इंजीनियर्स से निर्माण के सम्बंध में विस्तृत जानकारी ली और कार्य की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अन्य पुनर्निर्माण कार्यों का भी बारीकी से जायजा लिया और जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग मनुज गोयल को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री से तीर्थ पुुरोहितों ने भी अपनी मांगों को लेकर चर्चा की। इस दौरान मुख्यमंत्री द्वारा श्रद्धालुओं से भी मुलाकात कर उनके हाल-चाल पूछे। इसके पश्चात् सीएम धामी वापस देहरादून हेतु रवाना हो गए। इस मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अमरदेई शाह, अध्यक्ष सलाहकार समिति केदारनाथ नगर पंचायत देव प्रकाश सेमवाल, पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर, जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग मनुज गोयल, पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल, देवस्थानम बोर्ड के सदस्य एवं तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती, प्रदेश संगठन महामंत्री अजय कुमार, भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश उनियाल, भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य महावीर पंवार एवं दिनेश बगवाडी आदि मौजूद थे।