‘काल’ बनकर बरसी बारिश… 46 जिंदा दफन, 11 लापता; 12 मकान और 3 पुल जमींदोज
देहरादून, उत्तराखंड: उत्तराखंड में आपदा ने अभी तक 46 लोगों की जान ले ली है। 12 लोग बुरी तरह जख्मी हुए हैं 11 लोग लापता और 9 मकान जमींदोज हो चुके हैं। उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में बारिश में सबसे ज्यादा कहर बरपाया है। कुमाऊं के कई इलाके पानी के तालाब में तब्दील हो चुके हैं जबकि 3 बड़े पुल और कई बीघा जमीन नदी नालों में समा चुकी है। उत्तराखंड में आपदा के बाद से सेना, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवान लगातार लोगों को रेस्क्यू करने में लगे हैं। हालांकि अब बारिश कम हुई है जिससे प्रभावित क्षेत्रों में राहत बचाव कार्य करने में सहूलियत हो रही है। बारिश में सबसे ज्यादा कहर नैनीताल जिले में बरपाया है। नैनीताल जिले में अभी तक 28 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। वही अल्मोड़ा में 6 लोगों की मौत की पुष्टि अभी तक हो चुकी है।
वहीं, चंपावत और नैनीताल में 11 लोग लापता हैं। इनमें से चंपावत में छह और नैनीताल में 5 लोग लापता बताए जा रहे हैं। आपदा को देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी आज उत्तराखंड के दौरे पर रहेंगे और अपदाग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे।
एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और सेना जगह-जगह क्षेत्र में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जा रही है। आपदा के भयावह मंजर को देख और कोई सहमा हुआ है। शांत झीलें भी ओवरफ्लो हो गई हैं। कई लोग जहां-तहां फंसे हैं कई लोगों ने अपने परिजनों को बेमौत काल के मुंह में जाते अपने आंखों के सामने देखा है। उत्तराखंड में वर्ष 2013 के बाद 2021 में ऐसे भयंकर हालात देखने को मिल रहे हैं।
आपको बता दें कि उत्तराखंड में 2 दिन जमकर हुई बारिश ने कुमाऊं और गढ़वाल मंडल में जमकर तबाही मचाई है। ज्यादातर कहर कुमाऊं मंडल में बारिश ने बरपाया है। कई सड़कों का पता नहीं कई रेलवे ट्रैक और पुल लापता हैं तो कई मकान जमींदोज हो चुके हैं। प्रभावित इलाकों में हर तरफ निराशा और मातम का माहौल है।