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चीन सीमा पर आईटीबीपी के साथ गश्त को गए उत्तरकाशी के तीन पोर्टर लापता, रेस्क्यू को मांगी मदद…

उत्तरकाशी, उत्तराखंड: सीमांत जनपद उत्तरकाशी के भारत चीन सीमा पर आइटीबीपी की टीम के साथ गश्त के लिए गए 3 पोर्टर का कोई पता नहीं चल पाया है। तीनों रास्ता भटकने के कारण वापस नहीं पहुंच पाए हैं। 2 दिन तक लगातार बारिश होने के कारण इस इलाके में जमकर बर्फबारी हुई है जिससे आइटीबीपी की टीम ने वायुसेना और आपदा प्रबंधन विभाग से इन पोर्टरों की खोजबीन के लिए मदद मांगी है आईटीबीपी की एक टीम में आज सुबह लापता पोर्टरों की खोजबीन के लिए रवाना हो चुकी है।

आइटीबीपी से मिली जानकारी के अनुसार उत्तरकाशी से लगी भारत-चीन सीमा पर तीन पोर्टरों का कोई पता नहीं चल पाया है। तीनों पोर्टर भारत तिब्बत सीमा पुलिस आईटीबीपी की टीम के साथ सीमा पर लंबी गश्त के लिए रवाना हुए थे। ये तीन पोर्टर वापसी के दौरान रास्ता भटक गए। बर्फबारी के बाद इन पोर्टरों का कोई पता नहीं चल पाया। जिसके बाद आईटीबीपी ने इन पोर्टरों को तलाशने के लिए वायु सेना और राज्य आपदा प्रबंधन से मदद मांगी है।

नागा और नीलापानी चौकी से भी आज बुधवार सुबह 20-20 आईटीबीपी जवानों की टीम खोज और बचाव के लिए रवाना हुई है। राहत-बचाव अभियान में बर्फ रुकावट पैदा कर रही है। भारत चीन सीमा के इस इलाके में छह फीट बर्फ पड़ी है। इससे रेस्क्यू अभियान में बाधा आ रही है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी उत्तरकाशी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि लंबी दूरी गश्त के लिए 15 अक्टूबर को तीन पोर्टरों के साथ आईटीबीपी की टीम भारत-चीन सीमा स्थित नीलापानी चौकी से सीमा के लिए रवाना हुई थी। इस टीम में उत्तरकाशी जनपद के तीन पोर्टर भी थे। गश्त के बाद टीम वापस लौटी। टीम के साथ पोर्टर भी वापस लौट रहे थे, लेकिन 17 अक्तूबर को बर्फबारी होने के कारण पोर्टर आईटीबीपी की टीम से बिछड़ गए। इन पोर्टरों को 18 अक्तूबर को वापस नीलापानी स्थित भारत तिब्बत सीमा पुलिस की चौकी पर लौटना था।

आईटीबीपी की टीम ने पोर्टरों को तलाश करने के लिए 18 और 19 अक्तूबर को राहत-बचाव अभियान चलाया, लेकिन पोर्टरों का कोई पता नहीं चल पाया। पोर्टरों की तलाश के लिए 18 अक्तूबर को पांच अन्य पोर्टर को भी संसाधनों सहित भेजा गया है।

उन पोर्टरों से भी आईटीबीपी की टीम का संपर्क नहीं हुआ है, लेकिन पांच पोर्टरों के पास संसाधन होने के कारण उनके सुरक्षित होने की उम्मीद है। अभी आईटीबीपी की पहली प्राथमिकता तीन पोर्टरों को तलाशने की है। मंगलवार शाम को आईटीबीपी ने राज्य आपदा प्रबंधन से पोर्टरों की तलाश के लिए सहायता मांगी। हालांकि आपदा प्रबंधन के पास इस तरह के हेलीकॉप्टर नहीं हैं जो चार हजार मीटर से लेकर साढ़े चार हजार मीटर तक की ऊंचाई पर रेस्क्यू कर सकें। फिलहाल तीनों पोर्टरों का कुछ पता नहीं चल पाया है।

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