सिर्फ धारचूला ही क्यों बंगापानी, मुनस्यारी और तेजम तहसीलों को भी मिले हैली सेवा का लाभ : मर्तोलिया
तीनों तहसीलों के कई इलाकों में फंसे पर्यटकों की सुध नहीं ले रही सरकार
मुनस्यारी, (पिथौरागढ़) उत्तराखंड: आपदा प्रबंधन के नाम पर आने वाले हैलीकाप्टर का हमेशा धारचूला तहसील के लिए उपयोग किए जाने पर जिपं सदस्य जगत मर्तोलिया ने गहरी नाराजगी जाहिर की। डीएम को लिखे पत्र में कहा कि मल्ला जोहार तथा रालम के अलावा तीन तहसीलो की जनता को भी इस सुविधा का फायदा मिले। दो दिन में फैसला नहीं होने पर धारचूला में हैली के सामने बैठकर धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दे डाली।
शासन से मिलने वाले हैली का हमेशा ही धारचूला क्षेत्र के लिए ही आपदा प्रबंधन में उपयोग किया जाता है। इस बात से नाराज जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने कहा कि धारचूला के नाम से विधान सभा का नाम रखा गया है। इसका मतलब यह नहीं है कि यह हैली सेवा मात्र दारमा व व्यास घाटी के लिए शासन ने दी है। मर्तोलिया ने कहा कि इस विधान सभा के भीतर धारचूला के अलावा बंगापानी, मुनस्यारी व तेजम तीन तहसीले और है, जिन क्षेत्रो को आपदा के विकराल समय में भी इस हैली का लाभ नहीं मिल पाता है।
मर्तोलिया ने कहा कि धारचूला में मात्र दो घाटियो के लिए यह हैली टैक्सी की तरह चलती है। इन दो घाटियो की तरह मल्ला जोहार तथा रालम क्षेत्र में भी पर्यटक, उम्रदराज तथा बीमार लोग फंसे हुए है। एक सप्ताह पहले स्थानीय प्रशासन को अवगत करा दिया गया था, फिर भी कोई रैस्क्यू नहीं किया जा रहा है।
मर्तोलिया ने कहा कि इस हैली को पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय में रखा जाय। इसका संचालन जिलाधिकारी कार्यालय करे, तभी यह जिले के सभी आपदा प्रभावित क्षेत्र के लिए न्याय कर पायेगा।
मर्तोलिया ने कहा कि रालम तथा मल्ला जोहार क्षेत्र को जोड़ने वाले पैदल मार्ग को दुरस्थ करने की आवश्यक्ता है, कुछ ही दिनो में भेड़ बकरी व अन्य मवेशियो को सामान के साथ लौटना है। इसके लिए प्रशासन को जन प्रतिनिधियो के साथ बैठक कर योजना बनानी चाहिए।
मर्तोलिया ने कहा कि इस हैली सेवा का आपदाग्रस्त चारो तहसीलो के प्रभावितो को फायदा नहीं मिला तो हमें शासन तथा सरकार की इस अन्यायपूर्ण व्यवस्था का विरोध करना पड़ेगा।