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पेयजल निगम के राजकीयकरण को कार्मिक आज से करेंगे धरना प्रदर्शन, 28 से बेमियादी हडताल

देहरादून, उत्तराखंड: पेयजल निगम को राजकीय विभाग बनाने की एक सूत्रीय मांग हेतु पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुरूप आज दिनांक 25.10.2021 से आंदोलन के पांचवें चरण में धरना प्रदर्शन शुरू होने जा रहा है तथा दिनांक 28.10.2021 से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी गई है।

अधिकारी कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति के द्वारा 27 जुलाई 2021 को हड़ताल की नोटिस देने पर भी और लगातार शासन प्रशासन को ज्ञापन देने के बाद भी उनकी मांगों पर कोई कार्यवाही उत्तराखंड शासन द्वारा नहीं की गई है, जिससे क्षुब्ध होकर उत्तराखंड पेयजल निगम अधिकारी कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति ने ऑनलाइन बैठक कर अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार आज दिनांक 25.10.2021 अपने आंदोलन के पंचम चरण में जाने का निर्णय लिया है . समन्वय समिति के पदाधिकारियों द्वारा बताया गया कि उत्तराखण्ड पेयजल निगम के राजकीयकरण हेतु कमेटी गठन के लगभग 8 माह पश्चात भी उक्त प्रकरण लम्बित है राजकीयकरण न होने के कारण पेयजल निगम कार्मिकों के वेतन भुगतान न होने के कारण निगम कार्मिकों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
उक्त बैठक में वक्ताओं द्वारा इस बात पर आकोश व्यक्त किया गया कि जहाँ कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी में भी निगम कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर अपने कार्यों का निर्वहन पूरी कर्तव्य निष्ठा के साथ कर
रहे हैं, वही शासन / सरकार द्वारा वेतन / पेंशन भुगतान में कोई रूचि नहीं ली जा रही है, जबकि उत्तराखण्ड पेयजल निगम एक राजकीय निगम है एवं राजकीय निगम होने के नाते वेतन / पेंशन भत्तों का उत्तरदायित्व राज्य सरकार का है। राज्य सरकार द्वारा राजकीयकरण के मामले का लगातार लम्बित किया जा रहा है। अब पेयजल निगम कार्मिकों के समक्ष राजकीयकरण की मांग पूर्ण कराने हेतु कोई विकल्प उपलब्ध नहीं है, जिसके क्रम में समिति की बैठक दिनांक 27.07.2021 के क्रम में चरणबद्ध आन्दोलन चलाया जा रहा है, जिसके क्रम में प्रथम चरण में दि० 05.08.2021 से दि० 10.08.2021 तक माननीय जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन दिया गया। द्वितीय चरण में दि० 11.08.2021 को समस्त जनपद / नगर इकाइयों द्वारा जिलाधिकारी / उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री व पेयजल मंत्री को ज्ञापन दिया गया तथा तृतीय चरण में दि० 21.08.2021 को समस्त जनपद / नगर इकाइयों द्वारा गेट मीटिंग कार्यक्रम किया गया तदोपरांत चतुर्थ चरण में गढ़वाल मंडल व कुमाऊं मंडल में धरना कार्यक्रम आयोजित किया गया परन्तु वर्तमान तक शासन / सरकार स्तर पर कोई सकारात्मक कार्यवाही नहीं की गयी है।
मा० पेयजल मंत्री जी द्वारा उक्त विषय पर शीघ्र सकारात्मक निर्णय लेने एवं तदानुसार आदेश निर्गत करने का आश्वासन दिया गया था, परन्तु उस पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गयी है। ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार के जिम्मेदार अधिकारी पेयजल निगम कार्मिकों को हड़ताल पर भेजने हेतु आमादा है तथा आन्दोलन कार्यक्रम जारी रखने हेतु कार्मिकों को विवश किया जा रहा है।

समन्वय समिति के पदाधिकारियों द्वारा इस बात पर खेद व्यक्त किया गया कि यह विडंबना है कि जहां एक तरफ प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री वार्ता के माध्यम से सभी वर्गों की समस्याओं का समाधान रखने में विश्वास रखते हैं, वहीं पेयजल निगम कार्मिकों द्वारा तीन माह पूर्व नोटिस देने के बाद भी उत्तराखंड पेयजल निगम के मुख्य अभियंता(मुख्यालय ), प्रबंध निदेशक अथवा अध्यक्ष /सचिव पेयजल के द्वारा एक बार भी उनसे वार्ता नहीं की गई है। जबकि पेयजल विभाग के कार्मिक दिन-रात जल जीवन मिशन के कार्यों में दिन रात लगे हुए हैं। प्रबंधन /शासन के अधिकारियों के इस उदासीन रवैये के कारण यदि जल जीवन मिशन के कार्य व आपदा बचाव कार्य प्रभावित होते हैं तो इसके लिए पूरी तरह से प्रबंधन /शासन के जिम्मेदार अधिकारी उत्तरदाई होंगे।

अतः समन्वय समिति द्वारा पूर्व घोषित कार्यक्रम को जारी रखते हुए आज दिनांक 25.10. 2021 से समस्त नगर इकाइयों द्वारा धरना कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा तथा यदि शासन के अधिकारी तब भी नहीं चेते तो
दि० 28.10.2021 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाना पड़ेगा।

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