रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ धरोहर संस्कृति एवं कला उत्सव समाप्त, जमकर झूमे लोग
पूनम सती समेत कई कलाकारों ने दी सांस्कृतिक प्रस्तुति
देहरादून, उत्तराखंड: रविवार को लोकगायक सौरव मैठाणी के ढोल-दमौ गीत के साथ ही रेंजर्स ग्राउंड में आयोजित धरोहर संस्कृति एवं कला उत्सव का समापन हो गया। इस मौके पर लोकगायिका पूनम सती ने बधाण की नंदा भगवती भजन से कार्यक्रम की शुरुआत कराई। एक के बाद एक सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने अंतिम दिन समां बांध दिया।
रविवार को रेंजर्स ग्राउंड में धरोहर संस्कृति एवं कला उत्सव कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे खादी ग्रामोद्योग आयोग के निदेशक राम नारायण ने कहा कि इस आयोजन से उत्तराखंड की संस्कृति को आगे बढ़ाने का शानदार प्रयास किया गया है। विशिष्ट अतिथि हिमाद्री के नोडल अधिकारी केसी चमोली ने कहा कि अगली बार धरोहर और बड़े स्वरूप में होना चाहिए। हम सभी के सहयोग से ऐसे आयोजन सफल हो पाएंगे। आयोजक सुनील वर्मा ने इस आयोजन में सहयोग देने के लिए सभी को धन्यवाद दिया। संस्कृतिकर्मी हिमांशु दरमोडा ने कहा कि अन्य शहरों में भी ऐसे आयोजन किये जाएंगे। इससे पहले कार्यक्रम की लोक गायिका पूनम सती एवं उनके साथियों ने नीलिमा-नीलिमा,मेरा मोहना,झुमका आदि गीतों से दर्शकों का दिल जीत किया। लोक गायक सौरव मैठाणी ने बौ-सुरेला, ननु-पदानु और गुड्डू का बाबा आदि गीत गाकर दर्शकों को जमकर झूमाया।
इस मौके को खास बनाने के लिए लोक गायकों के साथ उनकी टीम की मुख्य भूमिका रही। इस मौके पर गोल्डी नौटियाल ने ढोलक, अमित डंगवाल ने तबला,विनोद चौहान ने की-बोर्ड, कैलाश ध्यानी ने बांसुरी और सुशील कुमार ने ऑक्टोपेड पर लोक-गायकों को शानदार संगत दी।