गोपेश्वर (चमोली) उत्तराखंड: संयुक्त रामलीला मंच एवं व्यापार संघ की ओर से गोपेश्वर में रामलीला का मंचन शुरू हो गया है । लीला का शुभारंभ व्यापार संघ के पूर्व पदाधिकारी रहे बी डी तिवारी व विशिष्ट अतिथि मधुली देवी द्वारा किया गया।
प्रथम दिवस की लीला का शुभारंभ लंकेश रावण कुंभकरण और विभीषण द्वारा परम पिता ब्रह्मा की तपस्या के साथ किया गया इस दौरान लंकेश रावण कुंभकरण और विभीषण की तपस्या से खुश होकर ब्रह्मदेव की ओर से लंकेश को जहां अमरता का वरदान वही कुंभकरण को छह माह की नहीं और विभीषण को प्रभावती का आशीर्वाद दिया। जिसके बाद देव ऋषि नारद द्वारा लंकेश को शिव सहित कैलाश को लंका में लाने का सुझाव दिया गया। जिस पर लंकेश रावण की ओर से कैलाश को लंका लाने का प्रयास किया जाता है और लंकेश की इस हरकत से नाराज शिव धारा उसे श्राप दिया जाता है। जिस पर रावण शिव तांडव स्तोत्र रत्नाकर भगवान शिव के क्रोध को शांत करता है। जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव रावण को चंद्रहास खंड प्रदान करते हैं। ब्रह्मदेव और शिव से वरदान पाकर रावण देवताओं से बनने की ठान लेता है और अपने सैनिकों को अपने राज्य की जनता सीकर वसूलने के लिए भेजता है जिस पर रावण के सैनिक सभी लोगों के साथ ऋषि-मुनियों से भी कर वसूलने पहुंचते हैं। और ऋषि मुनियों द्वारा कर के रूप में अपना रक्त प्रदान कर लंकापति रावण के सर्वनाश की बात कही जाती है। ऐसे में देवताओं को आहुति न मिलने पर उनकी शक्ति क्षीण होने लगती है और वह ब्रह्मा से इसके निदान का सुझाव लेने पहुंचते हैं जिस पर ब्रह्म देव द्वारा देवताओं को भगवान नारायण से समस्या के निराकरण के लिए बात करने की बात कही जाती है और देवताओं के अनुग्रह पर भगवान नारायण त्रेता युग में राम अवतार लेकर रावण के विनाश का आश्वासन देते हैं।
इस मौके पर संयुक्त रामला मंच के अध्यक्ष अनूप पुरोहित अंकोला महामंत्री आशीष चौहान उपाध्यक्ष जगदीश पोखरियाल अनूप खंडूरी सुनील चौहान पीयूष बिश्नोई हेम दरमोडा प्रेम पुजारी, राकेश मैठानी कमल राणा, जगमोहन आदि मौजूद थे।