“अखबार की कतरन के आधार पर राज्य आंदोलनकारी नहीं बन सकते”
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी घोषित करने के लिए कई लोग लगा रहे अखबार की कटिंग, एडीएम की बैठक में हुआ खुलासा

उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी घोषित करने के लिए कई लोग लगा रहे अखबार की कटिंग, एडीएम की बैठक में हुआ खुलासा
देहरादून, उत्तराखंड: उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी का दर्जा प्राप्त करने के लिए कई लोग अखबारों में छपी कतरनों का सहारा ले रहे हैं। जबकि इसके लिए पुलिस की ओर से दर्ज रिपोर्ट और आंदोलन के दौरान के अन्य जरूरी दस्तावेज मांगे जाते हैं। कुछ ऐसा ही खुलासा आज भी बैठक और इससे पूर्व हुई बैठक में भी हो चुका है। एडीएम देहरादून की ओर से बुलाई गई बैठक में सत्यापन करने पर ऐसे कई लोगों के दस्तावेज सामने आए हैं।
उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारी चिन्हिकरण समिति की बैठक जिला कार्यालय सभागार में अपर जिलाधिकारी प्रशासन डाॅ0 एस के बरनवाल की अध्यक्षता में आयोजित की गयी। बैठक में समिति की ओर से विभिन्न लोगों द्वारा राज्य आन्दोलनकारी घोषित किए जाने के लिए अभिलेख प्रस्तुत किए गये जिन पर समिति द्वारा विस्तार से चर्चा की गई। इस अवसर पर समिति के सदस्यों द्वारा कतिपय लोगों द्वारा अपने को राज्य आन्दोलनकारी चिन्हिकृत करने के लिए समाचार पत्रों में प्रकाशित अभिलेख प्रस्तुत किए गए है जिसके आधार पर संबंधित को राज्य आन्दोलनकारी चिन्हित किया जाना सम्भव नहीं है इसके लिए विभिन्न प्रकार के शपथ पत्र एवं आन्दोलन के दौरान पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही की प्राथमिकी रिर्पोट आदि आवश्यक होती है। किन्तु कुछ लोगों द्वारा भ्रामक अभिलेख प्रस्तुत किए जाने पर पुलिस को वैधानिक कार्यवाही किए जाने की संस्तुति पदाधिकारियों द्वारा बैठक में की गई।
अपर जिला अधिकारी प्रशासन ने समिति के सदस्यों के साथ लोगों द्वारा प्रस्तुत किए गए अभिलेखों की आवश्यक जांच पड़ताल की गई। इसके अलावा समिति द्वारा कई अन्य शिकायतों की सुनवाई पर भी आवश्यक विचार विर्मश किया गया। इस अवसर पर उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ0 दिनेश चैहान समिति के सदस्य विवेकानन्द खण्डूरी, सुशीला बलुनी, ओमी उनियाल, सरोज डिमरी, उर्मिला शर्मा, जितेन्द्र अन्थवाल, डीएस गुंसाई, देवी गोदियाल सहित समिति के सदस्यगण उपस्थित रहे।