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भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद और एमिटी यूनिवर्सिटी के बीच हुआ ये करार

देहरादून, उत्तराखंड: आज 09 दिसम्बर, 2021 को भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद, देहरादून (पयार्वरण वन एवं जलवायु परिवतर्न मंत्रालय, भारत सरकार की एक स्वायत्त परिषद्) एवं, एमिटी यूनिवसिर्टीस एंड इंस्टीट्यूशंस के मध्य वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए। इस समझौता ज्ञापन पर भा.वा.अ.शि., देहरादून के महानिदेशक श्री अरूण सिंह रावत एवं एमिटी साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फाउंडेशन, एमिटी यूनिवसिर्टी छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष एवं चांसलर डॉ. डब्ल्यू सेल्वामूतिर् द्वारा हस्ताक्षर किये गए। इस अवसर पर श्री अरूण सिंह रावत, महानिदेशक, भा.वा.अ.शि.प. ने अपने संबोधन में कहा कि समझौता ज्ञापन वानिकी अनुसंधान और शिक्षा में सहयोग की संभावनाओं का विस्तार करने में मदद करेगा व एमिटी ग्रुप ऑफ एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. अशोक चैहान ने अपने संबोधन में कहा कि इस समझौता ज्ञापन से वानिकी और पयार्वरण में सहयोगात्मक अनुसंधान और शिक्षा को प्रोत्साहन मिलेगा।

भा.वा.अ.शि.प., देहरादून, देश भर में स्थित अपने संस्थानों और केंद्रों के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर वानिकी अनुसंधान, विस्तार, शिक्षा का मागर्दशर्न, प्रचार और समन्वय कर रहा है। वतर्मान में भा.वा.अ.शि.प. विशेष रूप से जलवायु परिवतर्न, वन उत्पादकता, जैव विविधता और कौशल विकास के क्षेत्रों में राष्ट्रीय और अंतरार्ष्ट्रीय महत्व के समकालीन मुद्दांे पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

समझौता ज्ञापन पर वानिकी अनुसंधान और प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान एवं संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं के कायार्न्वयन के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के उद्ेदश्यों के साथ हस्ताक्षर किए गए हैं।

इस सहयोग के माध्यम से भा.वा.अ.शि.प., देहरादून एवं एमिटी यूनिवसिर्टीस अपनी वैज्ञानिक और तकनीकी विशेषज्ञताओं को साझा करके एक दूसरे के पूरक होंगे। इससे तकनीकी अंतराल की पहचान करने, वन आधारित प्रौद्योगिकियों के विस्तार, हितधारकों को सूचना के प्रसार के लिए संसाधनों के आदान-प्रदान में मदद मिलेगी। यह आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देने और वन आधारित समुदायों की आय बढ़ाने के साथ-साथ संसाधनों के उपयोग को अनुकूलित करने के लिए उद्योगों की सहायता करने में भी मदद करेगा।

समझौता ज्ञापन से दोनों संगठनों के लिए शिक्षा, अनुसंधान और विकास में सहयोग मिलने की उम्मीद है और अंततः इसका लक्ष्य बेहतर आथिर्क और पारिस्थितिक सुरक्षा को बढ़ावा देना होगा।

इस अवसर पर मुख्यालय के सभी उपमहानिदेशक, निदेशक (अंतरार्ष्ट्रीय सहयोग), सहायक महानिदेशक एवं सचिव, भा.वा.अ.शि.प. व एमिटी यूनिवसिर्टीस एंड इंस्टीट्यूशंस के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

 

 

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