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शहीद जगेंद्र को अंतिम विदाई देने उमड़ा हुजूम, आज आना था छुट्टी; पहुंचा पार्थिव शरीर

देहरादून, उत्तराखंड: सियाचिन ग्लेशियर पर पेट्रोलिंग के दौरान शहीद हुए हवलदार जगेंद्र सिंह चौहान का शव आज सुबह करीब साढ़े आठ बजे उनके डोईवाला इलाके के कान्हरवाला में पहुंचा तो हर कोई रो पड़ा। उनकी पत्नी पहले से ही बेसुध पड़ी हैं। पूरे परिवार के साथ गांव वाले भी गमगीन हैं। मूल रूप से टिहरी गढ़वाल के भनस्वाडी थत्यूड़ इलाके के रहने वाले जगेंद्र सिंह आज ही के दिन छुट्टी लेकर घर आने वाले थे, लेकिन उनकी तिरंगे में लिपटी अर्थी घर पहुंची है। कुछ देर बाद शहीद का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए हरिद्वार ले जाया जा रहा है।

आपको बता दें कि सियाचिन ग्लेशियर में लैंड स्लाइडिंग होने से कान्हरवाला निवासी 325 लाइट एडी हवलदार जगेंद्र सिंह चैहान तीन दिन पहले शहीद हो गए थे। शहीद का पार्थिव शरीर 23 फरवरी तक पहुंचने की उम्मीद थी, लेकिन आज शुक्रवार सुबह 8.30 बजे उनका तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर पहुंचा है।

उनके शहीद होने की सूचना मिलते ही कान्हरवाला गांव में शोक की लहर है। उनके मामा सेवानिवृत्त कैप्टन मनवीर सिंह बिष्ट ने जगेंद्र सिंह चैहान (35) पुत्र सेवानिवृत्त सूबेदार मेजर राजेंद्र सिंह चौहान के शहीद होने की जानकारी दी थी। 325 लाइट एडी बैटरी कमांडर मेजर पॉल ने उनको बताया कि शहीद जगेंद्र सिंह चैहान सियाचिन ग्लेशियर में तैनात थे। पूर्व ग्राम प्रधान नरेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि मूलरूप से भनस्वाड़ी, थत्यूड़ ब्लॉक, टिहरी गढ़वाल निवासी राजेंद्र सिंह चौहान पिछले 2007 से कान्हरवाला भानियावाला डोईवाला में रह रहे हैं। जगेंद्र सिंह चौहान के शहीद होने की सूचना मिलते ही गांव में शोक छाया है। कुछ देर बाद उनकी शव यात्रा में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा।

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