दुःखद..तीन दिन में केदारनाथ में 4 तीर्थ यात्रियों की हो चुकी है मौत, 10 की यमुनोत्री और गंगोत्री में
- 3 महिला यात्रियों की तबियत बिगड़ने से हुई मौत, एक यात्री के खाई में गिरने से मौत
- दो दिनों में अब तक केदारनाथ यात्रा में पहुंच चुके हैं 41 हजार 724 श्रद्धालु
- केदारनाथ धाम में हाइपोथर्मिया बीमारी के सबसे ज्यादा मरीज
रुद्रप्रयाग, ब्यूरो। केदारनाथ यात्रा पर आए 4 तीर्थ यात्रियों की मौत हो गई है। केदारनाथ यात्रा शुरू अभी तीन दिन का समय हुआ है और चार यात्रियों की मौत हो चुकी है। पैदल मार्ग पर तबियत बिगड़ने से जहाँ एक महिला की मौत हुई, वहीं दो महिलाओं की केदारनाथ धाम में स्वास्थ्य खराब होने पर मौत हो गई। इसके अलावा एक तीर्थ यात्री की सोनप्रयाग में गहरी खाई में गिरने से मौत हुई है। दूसरी ओर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में यात्रा शुरू होने के बाद 10 लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा 8 लोगों की मौत यमुनोत्री धाम में हुई है उत्तराखंड सरकार की व्यवस्थाओं की यमुनोत्री और गंगोत्री में पोल खुलती दिख रही है। जो कार्डिक एंबुलेंस यमुनोत्री और गंगोत्री धाम में तैनात होनी चाहिए थी वह 2020 से स्वास्थ्य महानिदेशालय देहरादून में सेवाएं दे रही है। कहीं न कहीं से इसे बड़ी लापरवाही के साथ ही सरकार और स्वास्थ्य विभाग की और अदूरदर्शी निर्णय है।
केदारनाथ यात्रा में हजारों की संख्या में हर दिन तीर्थ यात्री पहुँच रहे हैं। अब तक धाम में 41 हजार 724 तीर्थ यात्री पहुँच चुके हैं। केदारनाथ यात्रा का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है, जब पहले दिन 23,512 और दूसरे दिन 18, 212 यात्री केदारनाथ पहुंचे हैं। धाम आने वाले तीर्थ यात्रियों की रास्ते में तबियत बिगड़ रही है और उन्हें समय पर इलाज ना मिलने के कारण अकाल मौत का शिकार होना पड़ रहा है। गुजरात निवासी सोनी छाया बेन उम्र 47 केदारनाथ यात्रा पर आई थी। रास्ते में तबियत बिगड़ने के कारण वह परिजनों के साथ सोनप्रयाग लौट आई। यहाँ से उन्हें जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग लाया गया। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इसके अलावा केदारनाथ पहुंची बुलंदशहर यूपी निवासी उर्मिला गर्ग 67 उम्र की तबियत बिगड़ने से मौत हो गई, जबकि दिलशा राम निवासी मध्य प्रदेश उम्र 67 की केदारनाथ में तबियत बिगड़ने से मौत हुई है। दोनों शवों का पंचनामा भरने के बाद पुलिस ने हेलीकाप्टर से गुप्तकाशी भेजा। पोस्टमार्टम के बाद शवों को परिजनों को सौंप दिया गया है। वहीं केदारनाथ यात्रा पर आए प्रवीण सैनी पुत्र रमेश सैनी उम्र लगभग 47 वर्ष निवासी गुड़गांव हरियाणा, केदारनाथ की यात्रा करके गौरीकुंड की ओर आ रहा था। गौरीकुंड से एक किमी पहले पैर फिसल जाने के कारण लगभग 150 मीटर गहरी खाई में गिर गया। सूचना प्राप्त होने पर एसडीआरएफ के उप निरीक्षक कर्ण सिंह के नेतृत्व में टीम मय रेस्क्यू उपकरणों के साथ तत्काल घटनास्थल पर पहुंची। एसडीआरएफ टीम द्वारा अत्यंत विषम परिस्थितियों में यात्री की सर्चिंग के लिए 150 मीटर गहरी खाई में उतरकर सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। गहन सर्चिंग के उपरांत एसडीआरएफ टीम को यात्री दिखाई दिया, जो कि मृत अवस्था में था। टीम की ओर से शव को बरामद कर स्ट्रेचर की सहायता से मुख्य मार्ग तक पहुंचाकर बॉडी बैग के माध्यम से जिला पुलिस के सुपर्द किया गया।
केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद से धाम में सेवाएं दे रही सिक्स सिग्मा हाई एल्टीट्यूड मेडिकल सर्विस टीम तीर्थयात्रियों की सेवा में जुटी है। यह टीम दिन-रात श्रद्धालुओं का उपचार कर उनकी मदद कर रही है। जहां स्वास्थ्य विभाग रुद्रप्रयाग की टीम का कहीं अता-पता नहीं है, वहीं सिक्स सिग्मा की टीम स्वयं यात्रियों के पास जाकर उनका हाल-चाल जान रही है, जिससे किसी भी तीर्थयात्री को समस्या होने पर त्वरित गति से चैकअप किया जा सके।
सिक्स सिग्मा के सीईओ डाॅ प्रदीप भारद्वाज ने बताया कि केदारनाथ धाम में ठंड अत्यधिक है और कई तीर्थयात्री बिना जानकारी के यहां पहुंच रहे हैं। धाम में स्वास्थ्य केन्द्र में सबसे ज्यादा मरीज हाइपोथर्मिया के आ रहे हैं। ऐसे में उन्हें सलाह दी जा रही है कि वे सुरक्षात्मक तरीके से बाबा केदार की यात्रा करें। श्रद्धालुओं को बताया जा रहा है कि यह बीमारी अत्यधिक ठंडे इलाके में जाने से होती है। ऐसे में अपनी साधानी के साथ ठंडे इलाकों की यात्रा करें। उन्होंने बताया कि केदारनाथ धाम में भक्तों की लम्बी कतार लगी हुई है, जिससे यात्रियों का सुव्यवस्थित तरीके से चैकअप किया जा रहा है।