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स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकतः प्रसव पीड़ा से कराहती लक्ष्मी की खेत में हुई डिलिवरी, नवजात की मौत

स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकतः प्रसव पीड़ा से कराहती लक्ष्मी की खेत में हुई डिलिवरी, नवजात की मौत

  • दुःखदः प्रसव पीड़ा से कराहती रही लक्ष्मी देवी, नहीं पहुंचा हेलीकाॅप्टर तो खेत में ही दिया बच्चे को जन्म, मौत
  • अस्पताल पहुंचने से पहले नवजात की मौत, जिला पंचायत सदस्य ने उठाये जिला प्रशासन और हैली प्रबंधन पर सवाल, नवजात की मौत के लिए बताया जिम्मेदार

पिथौरागढ़/देहरादून, ब्यूरो। उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा दिक्कतें बुजुर्ग, बीमार और गर्भवती महिलाओं को हो रही है। पिथौरागढ़ के सीमांत मुनस्यारी इलाके के पातों गांव की एक महिला ने समय पर हेलीकाॅप्टर और मेडिकल टीम न पहुंचने पर खेत में ही बच्चे को जन्म दे दिया। महिला काफी देर तक दर्द से कराहती रही। दो घंटे बाद हेलीकाॅप्टर और मेडिकल टीम पहुंची और महिला को अस्पताल में भर्ती करवाया, लेकिन तब तक नवजात बच्चे की मौत हो चुकी थी। हालांकि महिला की हालत में अब सुधार बताया जा रहा है। जिला पंचायत सदस्य मुनस्यारी जगत सिंह मर्तोलिया ने इस नवजात की मौत के लिए जिला प्रशासन और हैली सेवा प्रबंधन को दोषी ठहराया है।

पिथौरागढ़ के मुनस्यारी की ग्राम पंचायत पातों में हेलिकॉप्टर के समय पर नहीं पहुंचने से महिला ने खेत में ही बच्चे को जन्म दिया। प्रसव के करीब दो घंटे बाद हेलिकॉप्टर मेडिकल टीम के साथ पहुंचा। जांच के बाद टीम ने नवजात को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद हेलिकॉप्टर महिला को लेकर पिथौरागढ़ अस्पताल पहुंचा, जहां महिला का इलाज चल रहा है। मुनस्यारी ब्लॉक के पातों गांव निवासी लक्ष्मी देवी (25) पत्नी श्याम सिंह दरियाल को शनिवार को प्रसव पीड़ा हुई। इस पर लोगों ने विधायक को फोन पर मामले की जानकारी दी। विधायक हरीश धामी ने प्रशासन को फोन किया जिसके बाद हेलिकॉप्टर को पातों गांव भेजा गया। इधर महिला की पीड़ा बढ़ने लगी और उसने खेत में बच्चे को जन्म दे दिया।

आशा कार्यकर्ता खीला देवी ने बताया कि गर्भ में बच्चा उल्टा फंस गया था जिसे मुश्किल से निकाला गया। करीब दो घंटे बाद हेलिकॉप्टर मेडिकल टीम के साथ मौके पर पहुंचा। जांच के बाद टीम ने नवजात को मृत करार दे दिया। इसके बाद हेली से महिला को पिथौरागढ़ अस्पताल पहुंचाया गया। महिला की हालत में अब सुधार है।

जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया का कहना है कि अगर हेलिकॉप्टर समय पर पहुंच जाता तो नवजात की जान बच जाती। इधर, एसडीएम धारचूला नंदन कुमार का कहना है कि हेलिकॉप्टर के पायलट को वेदर क्लीयरेंस मिलने में थोड़ा समय लगा। हालांकि हेली समय से पहुंच गया था। बच्चा मृत ही पैदा हुआ था। वहीं परिजनों और जिला पंचायत सदस्य के मुताबिक हेलिकॉप्टर करीब दो घंटे देरी से पहुंचा।

जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने ग्राम पंचायत पातों निवासी लक्ष्मी देवी पत्नी श्याम सिंह के नवजात की मौत के मामले में जिला प्रशासन की लापरवाह हैली प्रबंधन सेवा को दोषी ठहराया। कहा कि दस मिनट में पहुंचने वाला हैली सवा दो घंटे के बाद पहुंचा।

मर्तोलिया ने कहा कि जिला प्रशासन ने आपदाकाल से पहले गर्भवती महिलाओं को सूचिबद्ध कर सुविधाजनक स्थान पर रखने के अभियान की पोल खुल गई है। उन्होंने बताया कि दस बजे प्रशासन को इसकी सूचना दी गई थी। धारचूला से पातो दस मिनट में हैली पहुंच जाती है, उसे सवा दो घंटे लग गए। उन्होंने बताया कि गर्भवती महिला तड़पती रही। पौने दो घंटे तड़पते हुए महिला ने नवजात को जन्म तो दिया, लेकिन तब तक उसकी सांसें बंद हो गई थी।

इस आपराधिक लापरवाही पर जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने तीखा बयान दिया। उन्होंने कहा कि दस साल से हम मांग कर रहे है कि आपदाकाल में राज्य सरकार द्वारा मिलने वाले हैली को पिथौरागढ़ में खड़ा कर वहीं से संचालन किया जाय। तभी मुनस्यारी में आपदाकाल में इसका लाभ मिल पाएगा। मर्तोलिया ने कहा कि धारचूला में आपदाकाल के लिए आएं इस हैली का टैक्सी की तरह उपयोग किया जाता है। उन्होंने कहा कि अगर यह हैली जिले के लिए आया है तो इसे पिथौरागढ़ में रखकर संचालित किया जाए। नहीं तो मुनस्यारी के लिए अलग हैली इसी तहसील में खडा़ किया जाए। उन्होंने कहा कि हैली सेवा मुनस्यारी के लिए है कि नहीं इस पर भी जिला प्रशासन अधिकारिक बयान जारी करें।

उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने एक सप्ताह के भीतर इस हैली के प्रबंधन पर नयी व्यवस्था नहीं बनाई तो वह धरना प्रदर्शन करेंगे। सवा दो घंटे में होली नहीं पहुंचने की उच्च स्तरीय जांच कर दोषी अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की मांग की।

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