ITBP सूबेदार मेजर Nandan Singh Chamyal पंचतत्व में विलीन, पार्थिव शरीर पहुंचते ही मचा कोहराम
फूट- फूट कर रोये बच्चे, पूरा गाँव और आसपास के लोग भी गमगीन
चम्पावत, ब्यूरो। ITBP सूबेदार मेजर नंदन सिंह चम्याल (Nandan Singh Chamyal, ITBP) वाहन दुर्घटना में बलिदान होने के बाद आज श्रीनगर से चंपावत पहुंचे तो उनके अंतिम दर्शन और अंतिम विदाई में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। ITBP सूबेदार मेजर नंदन सिंह चम्याल (Nandan Singh Chamyal, ITBP) का पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुंचा तो परिवार के साथ ही पूरे गाँव में कोहराम मच गया। ITBP सूबेदार मेजर नंदन सिंह चम्याल (Nandan Singh Chamyal) का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए गांव में रखा गया और उसके बाद पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनको भावभीनी अंतिम विदाई दी गई।
इस AIMS श्रीनगर में ली थी अंतिम सांस
16 अगस्त को अमरनाथ यात्रा से लौट रहे ITBP जवानों का वाहन पहलगाम के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। जिसमें सूबेदार मेजर नंदन सिंह चम्याल (Nandan Singh Chamyal) घायल हो गये थे। इस दुर्घटना में 6 जवानों की मौके पर ही मौत हो गई थी और 30 जवान गंभीर घायल हो गये थे। घायल होने के बाद नंदन सिंह चम्याल को AIMS श्रीनगर में भर्ती किया गया। AIMS श्रीनगर में उनके सिर का ऑपरेशन भी हुआ, लेकिन, उपचार के दौरान विगत सोमवार रात को उन्होंने अंतिम सांस ली।
फूट- फूट कर रोये बच्चे
देश की खातिर ड्यूटी में बलिदान हुए ITBP सूबेदार मेजर नंदन सिंह चम्याल (Nandan Singh Chamyal) का शरीर आज जैसे ही पैतृक गांव देवीधुरा पखोटी पहुंचा तो पूरे क्षेत्र में माहौल गमगीन हो गया। जैसे ही उनका पार्थिव शरीर उनके घर पर पहुंचा तो उनके बच्चे बिलख उठे। चारों बच्चे पिता और ITBP सूबेदार मेजर नंदन सिंह चम्याल (Nandan Singh Chamyal) के ताबूत से लिपट कर फूट-फूट कर रोने लगे। बच्चों को रोता देख पूरे गांव के लोगों के साथ वहां पहुंचे अधिकारी और कर्मचारियों के आंखों में भी आंसू आ गये। गांव वालों ने भी इस मौके पर भारत माता की जय और शहीद नंदन सिंह चम्याल (Nandan Singh Chamyal) के जय के नारे भी लगाये।
पैतृक घाट में हुआ अंतिम संस्कार
सूबेदार मेजर सूबेदार मेजर नंदन सिंह चम्याल (Nandan Singh Chamyal) चम्पावत जिले के देवीधुरा पखोटी के रहने वाले थे। सोमवार को AIMS श्रीनगर में निधन होने के बाद आज बुधवार को उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचा। उसके बाद खीर नदी के किनारे पैतृक घाट पर पूरे सैनिक सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि हुई। इस मौके पर ITBP 36वीं बटालियन के जवानों ने उन्हें सैन्य सम्मान के साथ अंतिम सलामी भी दी।
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