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Dhatmeer में जंगलराज: चंद माह पहले टूटे पुल का ठेका फिर उसी ब्लैक लिस्टेड ठेकेदार को देने की तैयारी!

देहरादून/पुरोला, ब्यूरो। Dhatmeer में जंगलराज! उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपर लीक मामले में सुर्ख़यों में आया उत्तरकाशी का मोरी विकासखंड और यहां के नेता अपने अलग-अलग कारनामों के कारण सुर्खियों में है।

Uksssc Paper Leak केस (Uksssc Paper Leak) में सबसे बड़े खिलाड़ी के रूप में अरेस्ट जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत जहां भाजपा के बड़े स्थानीय नेता रहे, वहीं इलाके के कांग्रेस के नेता भी भ्रष्टाचार के मामलों में बढ़-चढ़कर नाम रोशन कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के सीमांत मोरी ब्लॉक के ढाटमीर गांव (Dhatmeer Village) का सामने आ रहा है।

Dhatmeer rajpal

गोविंद वन्य जीव विहार राष्ट्रीय पार्क इलाके में पड़ने वाले इस गांव के वन विभाग के संपर्क मार्ग का ₹3200000 का पुल निर्माण के बाद ही धराशाई हो गया था।

इसके बाद से Dhatmeer के ही निवासी ठेकेदार पर कार्रवाई करते हुए उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया गया था, लेकिन फिर इसी पुल का अब टेंडर खुलने जा रहा है। और Dhatmeer के इसी ठेकेदार को इसका ठेका देने की चर्चाएं हो रही हैं। हालांकि इसकी अभी तक कोई पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार तैयारी पूरी है।

Dhatmeer
Dhatmeer में जंगलराज!

वन विभाग और गोविंद वन्यजीव विहार राष्ट्रीय पार्क पुरोला के सूत्रों के अनुसार ब्लैक लिस्टेड ठेकेदार पर कार्रवाई करने की बजाय इसी ठेकेदार को अब यह टेंडर दोबारा देने की पूरी पूरी तैयारी चल रही है। सूत्रों के अनुसार गोविंद वन्यजीव राष्ट्रीय पार्क के उप निदेशक (डिप्टी डायरेक्टर) देवी प्रसाद बलूनी 1 दिन बाद इसका टेंडर करने वाले हैं।

Dhatmeer में जंगलराज!

बता दें कि कांग्रेस के नेता मोरी मंडल अध्यक्ष राजपाल रावत के नाम पूर्व में ढाटमीर के संपर्क मार्ग के पुल का टेंडर हुआ था। निर्माण के बाद ही पुलिया धराशाई हो गई। उसके बाद ब्लैक लिस्टेड ठेकेदार और कांग्रेस नेता पर कार्रवाई करने की बजाय अब उसी को इसी पुल का ठेका आवंटित किया जा रहा है।

DhatmeerDhatmeer

इस संबंध में उपनिदेशक गोविंद विहार राष्ट्रीय पार्क के उपनिदेशक देवी प्रसाद बलूनी से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन फोन नहीं लग पाया। न ही उन्होंने किसी मैसेज का जवाब दिया है। इसके अलावा ठेकेदार और कांग्रेस नेता राजपाल रावत से भी बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उनका नंबर भी नहीं लग पाया। अब देखना होगा कि गोविंद वन्यजीव विहार राष्ट्रीय पार्क पुरोला किस ठेकेदार को इस पुल निर्माण का टेंडर देता है।

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