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कमजोर नेतृत्व और सिस्टम की बेरुखी से बूंद-बूंद पानी को तरस रहे बड़कोट नगरपालिका वासी

पेयजल संकट जल्द दूर न हुआ तो करेंगे उग्र आंदोलन : दीपक बिजल्वाण

कमजोर नेतृत्व और सिस्टम की बेरुखी से बूंद-बूंद पानी को तरस रहे बड़कोट नगरपालिका वासी

पेयजल संकट जल्द दूर न हुआ तो करेंगे उग्र आंदोलन : दीपक बिजल्वाण

उत्तरकाशी/बड़कोट, ब्यूरो। यमुना नदी से बड़कोट तक प्रस्तावित पेयजल पपिंग योजना सर्वे से आगे न बढ़ने से जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण ने हैरानी जताई है। विगत शुक्रवार को जिला पंचायत अध्यक्ष श्री बिजल्वाण ने शासन-प्रशासन को अल्टीमेट दिया कि यदि बड़कोट नगरपालिका क्षेत्र की पेयजल पंपिंग योजना जल्द स्वीकृत नहीं मिली तो जन आंदोलन शुरू किया जायेगा।

जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि चारधाम यात्रा का मुख्य पड़ाव एवं बढ़ती गर्मी में जिस प्रकार से कई वर्षों से नगरपालिका परिषद बड़कोट में पानी की किल्लत से लोग जूझ रहे हैं, वह कमजोर नेतृत्व व सिस्टम की नाकामी को दर्शाता है। उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों और शासन प्रशासन पर सवाल से सवाल किए कि आखिर कब पालिका परिषद वासियों को पेयजल संकट से निजात मिलेगी। कहा कि नेता सिर्फ चमचागिरी और अपने धंधे चलाने के लिए नहीं चुने जाते हैं बल्कि जनता की ज्वलंत समस्याओं के लिए चुने जाते हैं। उन्होंने चिन्यालीसौड़ नगरपालिका का उदाहरण देते हुए बताया है कि चिन्यालीसौड में भी ऐसी ही किल्लत थी। इस किल्लत को जिला योजना से पिछले वर्षों में ही पूरा कर दिया गया था।

चारधाम यात्रा के मुख्य पड़ाव बड़कोट में गर्मी की शुरूआत के साथ कई परिवारों को पीने का पानी तक नसीब नहीं हो रहा है। आलम यह है कि नगरवासी बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। गौरतलब है कि नगरपालिका परिषद बड़‌कोट में पेयजल किल्लत से निजात दिलाने के लिए वर्ष 2018 में जल निगम ने यमुना नदी के तिलाड़ी तोक से बड़कोट तक पंपिंग योजना का सर्वे किया था। इसमें भूमि का मुवावजा भी बांट दिया गया, लेकिन पंपिंग पेयजल योजना धरातल पर अभी तक नहीं उत्तरी। इससे नगरवासियों में रोष व्याप्त है।

दरअसल, गंगा यमुना के मायके में ही पानी की किल्लत होना अजीब लगता है। लेकिन, सिस्टम की बेरूखी और कमजोर नेतृत्व के चलते यमुना नदी किनारे बसी नगरपालिका बड़कोट वासियों को बूंद बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। गर्मी बढ़ने और चारधाम यात्रा सीजन शुरू होने से पहले ही पेयजल संकट गहराता जा रहा है, लेकिन यमुना नदी से बड़‌कोट तक प्रस्तावित पेयजल योजना सर्वे से आगे नहीं बढ़ पाई है।

इधर, पेयजल निगम के अधिशासी अभियंता मधुकांत कोटियाल ने बताया कि बड़कोट पंपिंग योजना का 72.16 करोड़ का इस्टीमेट शासन को भेजा गया है। स्वीकृति मिलने में अभी समय लगेगा। उन्होंने बताया कि योजना का सर्वे व भूमि का प्रतिकर दे दिया गया है। अब देखना होगा कि 2018 से प्रस्तावित इस योजना को कब तक धरातल पर उतारा जाता है।

वहीं, उत्तरकाशी जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण ने कहा कि अगर जल्द नगर वासियों का पेयजल संकट दूर न हुआ तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।

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