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उत्तराखंडखरी-खरी

उत्तराखंड : बातें बड़ी-बड़ी और मात्र ₹50 में जिंदगी गंवा रहे लोग, 2 शव बरामद…

तीन दिन बाद इस नदी से महिला और बच्ची का शव बरामद

रुद्रपुर/देहरादून: उत्तराखंड में कुछ माह बाद चुनाव होने हैं सभी राजनीतिक दल उत्तराखंड वासियों को बड़े-बड़े विकास के हरे सब्जबाग दिखा रहे हैं लेकिन इस पहाड़ी प्रदेश की बदकिस्मत ही कहेंगे कि यहां के लोग मूलभूत सुविधाओं के अभाव में अपना जीवन ₹50-50 में खो रहे हैं। मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के गृह जनपद ऊधम सिंह नगर में एक मासूम बच्ची और उसकी मां ट्रैक्टर से नदी पार करते वक्त बह गई। ट्रैक्टर चालक सभी से नदी पार करवाने के 50-50 रुपये लेता था। तीन दिन गहन तलाश के बाद उनकी डेड बॉडी कल वीरवार को मिली है।

आपको बता दें कि विगत मंगलवार सायं कोसी नदी में आए तेज बहाव से एक ट्रैक्टर पलट गया था। इस हादसे में तीन बाइक और चार लोगों बह गए। इस संबंध में पीड़ित मंगल सेन ने अपनी पत्नी व बेटी के बहने की सूचना दी थी। इसके बाद मौके पर पहुंचे पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, राजस्व प्रशासन और स्थानीय लोगों सहित अफसर व कर्मियों ने देर रात तक कोसी नदी में रेस्क्यू अभियान चलाया। रात में ढूंढ-खोज में दिक्कतें हो रहीं थी। अगले दिन महिला का शव बरामद हो गया लेकिन सात वर्षीय मासूम बेटी का शव कल देर सायं मिला।

बरसात के दिनों में ऊधम सिंह नगर जिले के मानकी घाट से कोसी पार के क्षेत्र में लोगों को आर-पार कराने के लिए ट्रैक्टर का सहारा लिया जाता है। इस एवज में प्रति बाइक और सवारी 50 रुपये लिए जाते हैं। मगलसेन भी अपनी बेटी की दवा लेने कोसी पार बाइक से गया था।

 

वहीं, विगत मंगलवार को कोसी नदी में तेज बहाव से एक ट्रैक्टर में अपनी तीन बाइक के साथ कुछ लोग नदी पार कर रहे थे। इनमें से दो लोगों के बहने की पुष्टि प्रशासन ने भी की है। जबकि तीन लोग तैर कर नदी पार हो गए। घटनाक्रम के अनुसार ऊधमसिंह नगर जनपद के सीता कालोनी निवासी मंगलसेन, उनकी पत्नी मुन्नी देवी व सात वर्षीय बेटी लक्ष्मी तथा दो अन्य लोग ट्रैक्टर में बैठ कोसी नदी पार कर रहे थे। मां-बेटी ट्रैक्टर चालक के बगल में बैठे थे। जबकि अन्य लोग ट्राॅली में बाइकों के साथ थे। इसी बीच पानी ट्राॅली के ऊपर से पार होने लगा तो घबराए मंगलसेन व अन्य लोग नदी में छलांग मार तैरकर किनारे आ गए। चालक भी ट्रैक्टर छोड़ तैरकर तैरकर आ गया, लेकिन पानी के बहाव से अनियंत्रित होकर ट्रैक्टर पलट गया और मुन्नी देवी व उसकी 7 वर्षीय बच्ची लक्ष्मी बह गईं।

आनन-फानन कोतवाल संजय पांडेय, एसएसआइ जसविंदर सिंह सहित तमाम पुलिस चैकियों का स्टाफ व प्रभारी मौके पर पहुंच गए। जन सहयोग से उन्होंने बचाव कार्य प्रारंभ कर दिया। पुलिस, स्थानीय गोताखोरों की मदद से लापता मां-बेटी को तलाश तीन दिन तक चली।

आपदा प्रबंधन कार्यालय से देर शाम सूचना मिली कि नदी में बही महिला मुन्नी देवी का शव नदी की गाद से मिल गया है। वहीं, कुछ देर बाद उसकी मासूम बच्ची की बॉडी भी बड़ी मशक्कत के बाद नदी से ही मिल गई। डीएम ऊधमसिंहनगर ने भी मौके का दौरा किया था। दुःखद बात यह है कि राजनीतिक दल बड़े-बड़े दावे करेंगे लेकिन पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड मूलभूत सुविधाओं से ही मेहरूम है। हर साल लोग विभिन्न कारणों से असमय काल के गाल में समा रहे हैं।

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