बारिश का रौद्र रूप…मानसून ने जाते-जाते कुमाऊं में मचाई तबाही, 35 लोगों की मौत; कई लापता…
2013 जैसी आपदा का कुमाऊं मंडल में दिखा भयानक मंजर, दहशत में लोग
देहरादून/नैनीताल, उत्तराखंड: उत्तराखंड में तीन दिन से लगातार हो रही बारिश ने कुमाऊं मंडल में अपना रौद्र रूप दिखाया है। लगातार हुई तीन दिन बारिश से कुमाऊं मंडल में 35 लोगों की मौत विभिन्न आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में मलबा और पानी घुसने से हुई है। गौला नदी पर बना पुल बह गया है। वहीं, नैनी झील का जल स्तर बढ़ने से मंदिर पानी में समा गया है। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी एक बार सुबह कुमाऊं के दौरे पर गए लेकिन, उनका हेलीकाॅप्टर लैंड नहीं हो पाया। इसके बाद देर शाम को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कुमाऊं का दौरा किया।
उन्होंने आपदा में हताहत होने वालों के परिजनों को चार लाख रुपये मुआवजा और नुकसान पर एक लाख रुपये देने की घोषणा की है। बारिश से कुमाऊं मंडल में 2013 जैसी आपदा के भयावह मंजर देखने को मिल रहे हैं। चंपावत जिले के तिलवाड़ा गांव में घर में मलबा घुसने से दो की मौत हो गई। नैनीताल जिले के रामगढ़ ब्लॉक के एक गांव में मकान जमींदोज होने से नौ और धारी तहसील के चैखुटा गांव में भूस्खलन की जद में आए मकान के नीचे एक ही परिवार के छह लोगों की दबकर मौत हो गई। भीमताल में भी मकान ढहने से एक बच्चा मलबे में दब गया। दूसरी ओर रामनगर के एक रिजॉर्ट में पानी घुसने से फंसे करीब सौ व्यक्तियों का रेस्क्यू कर लिया गया है। अल्मोड़ा जिले में एक मकान पर पहाड़ी से मलबा आने के कारण तीन लोगों की दबकर मौत हुई है। अल्मोड़ा नगर में भी मकान की दीवार गिरने से किशोरी की दबकर मौत हो गई। बागेश्वर जिले में पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आने से एक युवक की मौत हो गई। अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर खीनापानी क्षेत्र में मलबे में दबने से दो श्रमिकों की मौत हो गई है।
हल्द्वानी में इंदिरानगर बाइपास स्थित गौला के नए पुल की सड़क भारी बारिश की वजह से गायब हो गई। गौलापार व चोरगलिया के हजारों लोगों के अलावा खटीमा व उत्तर प्रदेश की गाड़ियां तक इससे होकर गुजरती थी। पुल का बड़ा हिस्सा गायब होने की वजह से फिलहाल पुलिस-प्रशासन ने बैरिकेड लगा रास्ते को बंद कर दिया है। सिटी मजिस्ट्रेट व तहसीलदार ने मौके पर पहुंच स्थिति का जायजा भी लिया। वहीं, अल्मोड़ा-नैनीताल के सीमावर्ती क्षेत्र गरमपानी खैरना में तीन मकान शिप्रा नदी के बहाव में बह गए हैं। कई घरों में पानी भर चुका है करीब 200 से ज्यादा लोगों को जीआईसी खैरना, सीएचसी व तहसील में शिफ्ट किया गया है। शिप्रा नदी का वेग बढ़ता जा रहा है। प्रशासन ने मुनादी कराकर बाजार खाली करने का आह्वान किया है। लोग दहशत में हैं।
फिलहाल 24 लोगों के मौत की खबर है। हालात इतने भयावह हैं कि फिलहाल कितने लोग हताहत हुए हैं सही-सही कहना मुश्किल है। नैनीताल का संपर्क देश-दुनिया से कट गया है। नैनीताल झील का पानी ओवरफ्लो होकर बह रहा है। काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर करीब सौ मीटर का संटिंग नेक गौला नदी में बह गया। जलभराव के कारण ट्रेनों का संचालन निरस्त कर दिया गया है। पहाड़ के दर्जनों मार्ग मलबा आने के कारण बंद हो गए हैं। टनकपुर तवाघाट हाईवे घाट से तवाघाट के मध्य एक दर्जन स्थानों पर बंद है। घाट से पिथौरागढ़ के मध्य तीन स्थानों पर मार्ग बंद है। सोमवार सुबह से भारी संख्या में वाहन और यात्री फंसे हैं। जिले का अन्य जिलों से ओर जिला मुख्यालय का अन्य तहसीलो से संपर्क कटा हुआ है। सभी नदी नाले उफान पर है। मुनस्यारी के मालूपाती ओर पिथौरागढ़ के क्वीताड़ गांव में दो मकान क्षतिग्रस्त हो चुके है। जिले में अभी तक जन ओर पशुहानि की कोई सूचना नहीं है। टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर चल्थी में लधिया नदी पर बन रहा निर्माणाधीन पुल बह गया।