शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार का बुरा हाल, भोले का सैनिक लगाए बेड़ा पार…
आप उपाध्यक्ष राज्य स्थापना दिवस पर न्याय के लिए पहुंचे चितई गोलू मंदिर
न्याय देवता मंदिर में लगाई न्याय की गुहार, 21 साल कांग्रेस बीजेपी ने किया उत्तराखंड बेहाल
अल्मोड़ा, उत्तराखंड: आज 9 नवंबर उत्तराखंड स्थापना दिवस के मौके पर अल्मोड़ा में आम आदमी पार्टी प्रदेश उपाध्यक्ष अमित जोशी ने आप कार्यकर्ताओं के साथ न्याय के देवता चितई गोलू देवता मंदिर में उत्तराखंड के 21 साल की बदहाली के जिम्मेदार भाजपा और कांग्रेस की सरकारों से मुक्ति पाने हेतु एवं भाजपा और कांग्रेस की सरकारों द्वारा उत्तराखंड की जनता को लूटने के खिलाफ न्याय की मांग को लेकर अर्जी लिखी। आप उपाध्यक्ष ने कहा, उत्तराखंड की जनता एवं आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं की तरफ से अर्जी लगाई गई और न्याय के देवता चितई गोलू देवता से मांग की गई उत्तराखंड की जनता अब 21 सालों बाद न्याय चाहती। क्योंकि उत्तराखंड की जनता ने पिछले 21 सालों में दोनों दलों बीजेपी कांग्रेस को बारी बारी मौका दिया लेकिन आज भी स्वास्थ्य,शिक्षा,पलायन ,बेरोजगारी,समेत तमाम मुद्दे मुंह बाए खड़े हैं । उत्तराखंड का विकास तो नहीं हुआ लेकिन उत्तराखंड के नेताओं का विकास जरूर हुआ। पहाड़ों में आज भी जान जीवन बहुत कठिन है लेकिन दोनों सरकारों को इससे कोई लेना देना नहीं है।
चितई गोलू देवता में आप उपाध्यक्ष और आप कार्यकर्ताओं द्वारा अर्जी लगाने के बाद , चौहनपाटा में आप प्रदेश उपाध्यक्ष अमित जोशी ने बीजेपी व कांग्रेस को गैरजिम्मेदार बताते हुए एक चार्जशीट भी जारी की है, जिसमें जनहित के 21 सवालों के जवाब दोनों दलों बीजेपी और कांग्रेस से मांगे ।
इसके बाद आप प्रदेश उपाध्यक्ष अमित जोशी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा की 9 नवंबर को उत्तराखंड बना। यह हिमालय राज्य है। यहां सबसे पावन नदियां बहती है, चारधाम यहां स्थित है, सेना के वीर जवान देश को उत्तराखंड से मिलते हैं। राज्य आंदोलनकारियो की कुर्बानी को देखते हुए लगता है हमें भी प्रदेश के लिए कुछ करना होगा। 21 साल पहले जिस उत्तराखंड का सपना हमने देखा था, वह अधूरा रह गया है। क्या फायदा हुआ हमारी माताओ, बहनों ने राज्य आंदोलन में अपने प्राण और लाज गवाई और हमारे युवा शहीद हुए। मुजरफरनगर कांड दुखुद हुआ, इसके बाद भी हम चुप हैं । ऐसे में हमें फिर एक आंदोलन करने की जरूरत है। बीजेपी और कांग्रेस ने अपनी इच्छा पूरी की विकास खुद का किया,लेकिन आज भी 21 साल बाद जनता मूलभूत सुविधाओं से महरूम है। आज उत्तराखंड की हालत ऐसी हो गई जैसे किसी ने उसका चस्मा तोड़ दिया, उसके बाल नोच दिए। उसके कोट के बटन तोड़ दिए हैं। उसके तस्मे खुल गए।
उन्होंने कहा,प्रदेश में सबसे ज्यादा बिजली उत्पन्न होती है, इसके बावजूद हमें मुफ्त बिलजी नहीं मिल सकी है, आप मुफ्त नहीं हक की बिजली देगी, इन 21 सालों में हम सरकार से 21 सुलगते सवालों का जवाब चाहते हैं, पहाड़ में कई संपत्तियां है। जो बीजेपी और कांग्रेस ने यूपी को ले दी। रोजगार पहाड़ में हो सकता है, यहां कई तरह के साधन हैं जो पर्यटन से जुड़े है इन पर गंभीरता से काम करने की जरूरत है।