मामले में उत्तराखंड हाइकोर्ट नैनीताल में अगली सुनवाई 13 जनवरी 2022 को
नैनीताल, उत्तराखंड: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने एक युवती से दुराचार के मामले में घिरे द्वाराहाट अल्मोड़ा के विधायक महेश नेगी को चुनाव से पहले बड़ी राहत मिली है। आज शुक्रवार को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने द्वाराहाट जनपद अल्मोड़ा के भाजपा विधायक महेश नेगी की देहरादून सीजेएम कोर्ट से उनका डीएनए सेंपल लेने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान सरकार की ओर से कोर्ट में दाखिल शपथ पत्र में मामले की विवेचक द्वारा लगाई गई फाइनल रिपोर्ट के बारे में जानकारी दी गई। पेश की गई फाइनल रिपोर्ट के अनुसार विधायक महेश नेगी व उनकी पत्नी के खिलाफ किसी तरह का अपराध नहीं पाया गया है। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सरकार के शपथ पत्र के आधार पर विधायक के खिलाफ कार्रवाई को लेकर दायर की गई याचिका को निस्तारित कर दिया। दुराचार के आरोप से मुक्त होने के इस फैसले से विधानसभा चुनाव से पहले विधायक नेगी को बड़ी राहत मिली है।
उधर, कोर्ट ने महिला की यौन शोषण मामले की सीबीआइ जांच कराने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार व विधायक महेश नेगी को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। मामले में अगली सुनवाई 13 जनवरी 2022 को निर्धारित की गई है। आपको बता दें कि पीड़िता युवती की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा गया कि द्वाराहाट अल्मोड़ा के विधायक महेश नेगी की डीएनए जांच कराई जाए, वह ही मेरी बेटी के पिता है।
जानिए क्या था पूरा मामला…आपको बता दें कि पीड़ित युवती ने पिछले साल छह सितम्बर 2020 को नेहरू कालोनी थाना देहरादून में एक प्रार्थना पत्र देकर कहा था कि विधायक महेश नेगी ने उनका यौन शोषण किया है। अब नेगी व उनकी पत्नी रीता उसे जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। इस मामले जांच कर रहे दो आइओ को भी सरकार ने बदल दिया है, इसलिए कि विधायक सत्तारूढ़ पार्टी के हैं। याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि देहरादून पुलिस इस मामले की जांच करने में पक्षपात रवैया अपना रही है। देहरादून सीजेएम कोर्ट ने दिसंबर 2020 को आदेश पारित कर विधायक को डीएनए सेंपल लेने के लिए तलब किया था। निचली अदालत के आदेश को विधायक द्वारा याचिका दायर कर चुनौती दी गई थी। दोनों याचिकाओं पर सुनवाई न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ में हुई। अब देखना होगा कि मामले में आगे क्या मोड सामने आता है।