कोरोना से कम नहीं ओमिक्रोन, 159 में से 85 हुए शिकार
उत्तराखंड में कोरोना के साथ-साथ नए वेरिएंट का खतरा भी बढ़ा
देहरादून, उत्तराखंड: कोरोना संक्रमण के साथ ही उत्तराखंड में कोविड-19 के नए स्वरूप ओमिक्रोन ने भी दहशत फैला रखी है। हालांकि उत्तराखंड डीजी हेल्थ डॉ तृप्ति बहुगुणा इस प्रसार को काफी कम मानती हैं लेकिन फिर भी चिंताएं बरकरार हैं। उत्तराखंड में कोविड-19 संक्रमण के मामलों का विश्लेषण करने पर ज्ञात हुआ है कि अभी तक कोविड-19 पॉजिटिव सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग में केवल 54 प्रतिशत सैंपल में ओमीक्रोन वेरिएंट पाया गया है।
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ तृप्ति बहुगुणा ने आज यह बताया कि राज्य में कोविड-19 संक्रमण के 2255 पॉजिटिव सैंपल की जिनोम सीक्वेंसिंग दून मेडिकल कॉलेज लैब द्वारा की गई जिसके सापेक्ष 159 की रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है और इसमें से केवल 85 सैंपल में ओमीक्रोम वैरीअंट पाया गया है। आज रविवार को उत्तराखंड स्वास्थ्य महानिदेशक ने बताया कि कोविड-19 के नए स्वरूप के इस वैरी अंट से सतर्क रहना है लेकिन घबराने की आवश्यकता नहीं है। हमें कोविड- 19 अनुरूप व्यवहार अपनाएं जाने की नितांत आवश्यकता है और यही सावधानी हमें महामारी के संक्रमण से बचाएगी और वेरिएंट का ट्रांसमिशन रुकेगा ।
डॉ तृप्ति बहुगुणा ने बताया की विश्व में सभी जगह पर ओमी क्रोन वैरीअंट अन्य सभी वेरिएंट को रिप्लेस कर रहा है और इसके प्रभाव अधिक घातक नहीं आ रहे हैं।
अधिकांश लोग जो कोविड-19 संक्रमण से प्रभावित हैं उनमें हल्की लक्षणअथवा लक्षण रहित है तथा होम आइसोलेशन मैं रह कर ठीक हो जा रहे हैं। इस प्रकार यह देखा गया है की उम्मीक्रोन वेरिएंट जन स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरे के रूप में परिलक्षित नहीं हो रहा है लेकिन हमें कोविड-19 व्यवहार को हमेशा और अनिवार्य रूप से पालन करते रहना होगा तभी हम इस महामारी से बच सकते हैं। उत्तराखंड में कोविड-19 संक्रमण के पॉजिटिव मामलों का जिनोम सीक्वेंसिंग दून मेडिकल कॉलेज लैब में किया जा रहा है और अभी तक जितने भी मामले कोविड-19 पॉजिटिव आते हैं उनमें से लगभग 15% सैंपल की जिनोम सीक्वेंसिंग की जा रही है।