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Ankita Murder Case: देखें क्या कह रहे क्राइम एक्सपर्ट और ASP कोटद्वार शेखर सुयाल

Ankita Murder Case: अंकिता हत्याकांड में रिज़ॉर्ट को बचाने की जुगत में कौन जुटे हैं?

Ankita Murder Case: राजनीतिक रोटियाँ सेकने में पीछे नहीं छुटभैया नेता

देहरादून, ब्यूरो। उत्तराखण्ड की मासूम बिटिया अंकिता के हत्याकांड केस (Ankita Murder Case) में मुख्य आरोपी पुलकित आर्य समेत सभी आरोपी पुलिस की गिरफ़्त में हैं।

Ankita Murder Case

इस मामले में जहां एक ओर सरकार की सख़्ती के कारण रिज़ॉर्ट मलिक के साथ ही रिजार्ट पर बुल्डोजर चला चुकी है, वहीं दूसरी ओर इस मसले (Ankita Murder Case) पर जब कुछ छुटभैया नेताओं को कुछ कहने को नहीं मिला तो उन्होंने इस पर अब राजनीति भी शुरू कर दी है।

पुलिस और प्रशासन की सख़्ती पर कुछ सवाल भी उठ रहे हैं, कि रिज़ॉर्ट पर बुल्डोज़र चलाने से क्राइम सीन में परिस्थितिजनक साक्ष्यों से कोई छेड़-छाड़ की आशंका है? जी नहीं इससे केस पर कोई फर्क नहीं पङेगा।

Ankita Murder Case

फ़ोरेंसिक एक्स्पर्ट्स और क्राइम रिपोर्टिंग के जानकर बताते हैं कि इस घटना में क्राइम सीन रिजार्ट में नहीं हुआ है। धारा 27 के तहत आरोपियों की निशानदेही पर बॉडी रिकवरी की गई है। यह आरोपियों ने बताया किसी और ने नहीं।

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क़ानूनी जानकार यह अच्छे से जानते हैं यदि आरोपी के निशानदेही पर बॉडी मिलती है यह अपने आप में बड़ा सबूत है। यदि बॉडी नहीं मिलती तो केस कमजोर हो सकता था। अंकिता रिजार्ट में नौकरी करती थी, फोन काल्स और चैट की डिटेल से भी इलेक्ट्रानिक साक्ष्य मिल जाएंगे।

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इधर, पौड़ी के ASP कोटद्वार शेखर सुयाल ने बताया कि पुलिस ने रिजार्ट पहले ही छान मारा था। जाँच अधिकारी ने और पुलिस टीम ने 22 सितम्बर को ही पूरे कमरों की विडीओग्राफ़ी की जा चुकी है। ऐसे में बुल्डोजर चलाने या आग लगने से केस पर कोई फर्क नहीं पडेगा क्योंकि घटना नहर पर घटी है। इसके साथ ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भी यह तय हो जाएगा।

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इस बीच प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अंकिता के शरीर पर चोट के निशान मिले हैं और पानी में डूबने से मौत दिखाई है।

संभवत अंकिता के साथ मारपीट की गयी और फिर उसे नहर में धकेल दिया गया। इस मामले में SIT गठित हो चुकी है और IPS पी. रेणुका की छवि एक कुशल और ईमानदार अफसर की है। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी।

राजनैतिक मुद्दों पर राजनीति हो तो ठीक है लेकिन एक मासूम की जघन्य हत्या पर भी अगर कुछ नेतागण राजनीति करें तो फिर उन्हें आप क्या कहेंगे?

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