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“बिना होमवर्क के गठित नगर पंचायत मुनस्यारी में साढ़े 4 साल से उलझे जमीनों के मामले”

मुनस्यारी, (पिथौरागढ़) उत्तराखंड: जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने बिना होमवर्क के नगर पंचायत के फैसले पर कहा कि हम स्वागत कम विरोध करने की स्थिति में ज्यादा है। जिपं सदस्य ने कहा कि साढ़े चार साल में सरकार जमीन के उलझे मामलो को सुलझा नहीं पाई। इससे पहले पंचायत प्रतिनिधियो को विश्वास में लिया जाना चाहिए। सवाल उठाया कि कहीं यह चुनावी जुमला तो नहीं है। कहा कि इसके लिए पहले जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक कमेटी बनायी जाय। जहां पर हम निर्वाचित प्रतिनिधि अपनी बात रख सके।

मर्तोलिया ने कहा कि नगर पंचायत की अधिसूचना को हटाया जाना था। जिसे हटाया गया है। इसे नयी घोषणा न मानी जाय।

कहा कि जिला पंचायत के माध्यम से प्रस्ताव दिया गया था कि ग्राम पंचायत बूंगा, सरमोली, मल्ला घोरपट्टा के जमीन के मामलो को सुनकर इनका हल निकाला जाय। सबसे अधिक दिक्कत नया बस्ती में वर्षो से रह रहे लोगो की है, जो आज भी मालिकाना हक के लिए भटक रहे है।

मर्तोलिया ने कहा कि नगर पंचायत बनने के बाद तीनो गांवो के ग्रामीण क्षेत्रों में मिलने वाले हक से लोग वंचित हो जाएंगे। क्षेत्रीय लोगो में यह शंका है कि कहीं हम अपनी जमीन से बेदखल न हो जाएं।

इसके लिए चार साल से सरकार से कह रहे हैं कि जमीन पर वह न्याय पूर्ण निर्णय निकाले।

सरकार ने चुनावी लाभ के लिए बिना होमवर्क के घोषणा कर दी है। पहले से गठित पंचायतो के साथ संवाद स्थापित किया जाना चाहिए था। सरकार तथा इसके संगठन के लोगो को धरातल का ज्ञान नहीं है। जिसकी समीक्षा वे ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाकर करेंगे।

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