‘दीपक’ तले भ्रष्टाचार का ‘उजाला’…करोड़ों का गोलमाल, 300 काम सिर्फ कागजों में
जिला पंचायत उत्तरकाशी में भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितता को लेकर हाईकोर्ट ने किया जवाब तलब
करोड़ों के गोलमाल को लेकर उत्तराखंड हाईकोर्ट में दायर की भाजपा नेता कुंवर जपेंद्र सिंह ने जनहित याचिका
हाईकोर्ट ने चार सप्ताह में सरकार सहित अन्य संबंधित पक्षों का किया जवाब तलब
देहरादून/नैनीताल, उत्तराखंड: उत्तराखंड की उत्तरकाशी जिला पंचायत में कई करोड़ के गोलमाल और वित्तीय अनियमितताओं को लेकर देहरादून निवासी भाजपा नेता कुंवर जपेंद्र सिंह ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर इन मामलों की जांच सीबीआई या एसआईटी से करवाने की मांग की। इस मामले को लेकर हाईकोर्ट ने भाजपा नेता कुंवर जपेंद्र सिंह की याचिका स्वीकार कर सुनवाई के बाद उत्तराखंड सरकार, आयुक्त गढ़वाल और जिला पंचायत उत्तरकाशी से चार सप्ताह में जवाब तलब किया है। कुंवर जपेंद्र के अनुसार जिला पंचायत उत्तरकाशी में अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर करोड़ों का गोलमाल किया है। पहले चरण की जांच में ही 5.5 करोड़ की वित्तीय अनियमितताएं सामने आ चुकी हैं। जबकि अगर सही तरह से सभी कामों की धरातल पर जांच की जाए तो करोड़ों का गोलमाल सामने आ जाएगा। उन्होंने शासन में बैठे अफसरों पर डीएम की जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई करने की बजाय मामले को दबाने का आरोप भी लगाया।
आपको बता दें कि देहरादून निवासी भाजपा नेता कुंवर जपेंद्र सिंह उत्तराखंड हाईकोर्ट नैनीताल में उत्तरकाशी जिला पंचायत में हुई वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार को लेकर याचिका दायर की है। विगत बुधवार को मुख्य न्यायाधीश और न्यायाधी एनएस धानिक की कोर्ट में याचिकाकर्ता की ओर से चित्रार्थ कांडपाल ने जनहित याचिका दायर की। इस पर वरिष्ठ अधिवक्त एमसी कांडपाल ने बहस की। कांडपाल के अनुसार पहले चरण में उत्तरकाशी जिला पंचायत में करीब 5.5 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितताएं की गई। इनमें फर्जी मस्टरोल बनाकर जिला पंचायत उत्तरकाशी की ओर से भुगतान किए गए। चार-पांच साल पहले बनी सड़कों को नया दिखाकार दोबारा भुगतान जारी किया गया। एक ही ठेकेदार को कई काम दिए गए। जिला पंचायत उत्तरकाशी में 300 से अधिक ऐसे काम हैं जो धरातल पर हुए ही नहीं और उनका कागजों में दोहरा भुगतान कर दिया गया।
आपको बता दें कि इस मामले में पूर्व में जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत ने शिकायत की थी। इसके बाद उत्तराखंड शासन ने जिला पंचायत अध्यक्ष उत्तरकाशी दीपक बिजल्वाण के वित्तीय अधिकार सीज कर दिए थे। इसके बाद मामले की जांच जिलाधिकारी उत्तरकाशी मयूर दीक्षित की ओर से की गई। अपने रिपोर्ट में डीएम ने शासन से उच्च स्तरीय जांच की संस्तुति के साथ ही सभी दोषी अधिकारियों और नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था, लेकिन शासन स्तर से मामला दबा दिया गया।
कुंवर जपेंद्र सिंह के अधिवक्ता चित्रार्थ कांडपाल का पक्ष सुनने के बाद हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार, प्रमुख सचिव पंचायती राज, मंडलायुक्त गढ़वाल, जिला पंचायत उत्तरकाशी और जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण को नोटिस जारी किए हैं। कुंवर जपेंद्र के अनुसार भ्रष्टाचार के खिलाफ पीएम मोदी का कथन न खाउंगा न खाने दूंगा की तर्ज पर उनकी लड़ाई आगे भी जारी रहेगी।