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विधि-विधान से शीतकाल के लिए बंद हुए विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट

उत्तरकाशी, उत्तराखंड: विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट दोपहर 12:15 बजे विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। अब आगामी 6 महीने तक यमुना जी के दर्शन श्रद्धालु उनके शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव में कर सकेंगे। मां यमुना जी की उत्सव डोली अपने भाई शनि महाराज के साथ अपने शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव के लिए रवाना हो गई है। मां यमुना जी भोगमूर्ति उत्सव डोली में आज शाम को खरसाली गांव में पहुंचेगी। जहां शीतकाल में मां यमुना जी के दर्शन होंगे।

भैयादूज के अवसर पर दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर 6 माह शीतकाल के लिए यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया विधि-विधान के साथ विशेष पूजा-अर्चना के के बाद तीर्थ पुरोहितों कपाट बंद किये। अब मां यमुना जी के दर्शन 6 माह खरसाली गांव में होंगे। इससे पूर्व पूर्वाह्न में यमुना जी के भाई शनि महाराज की देव डोली अपनी बहन को लेने यमुनोत्री धाम पहुंची थी।यमुनोत्री धाम के कपाट बंद। यमुना जी की भोगमूर्ति उत्सव डोली में अपने भाई शनि महाराज के साथ खरसाली गांव के लिए रवाना हुई। कपाट बंद होने तक करीब 35 हजार श्रद्धालुओं ने मां यमुना जी के यमुनोत्री धाम में दर्शन किये। यमुनोत्री मंदिर समिति के पूर्व उपाध्यक्ष पवन उनियाल ने बताया कि भैयादूज के दिन जहां शनि महाराज अपनी बहन को लेने आते हैं। तो वहीं उनके भाई यमराज भी भैयादूज के दिन अपनी बहन यमुना जी से मिलने आते हैं और हनुमान जी भी नित्य यमुनोत्री धाम में रहते हैं। इसलिए जो भी भक्त भैयादूज के दिन यमुना नदी में स्नान करता है। मान्यता है कि उन भाई-बहन की हर मनोकामना पूर्ण होती है। शीतकाल में 6 महीने तक आप अब मां यमुना की पूजा खरसाली स्थित मंदिर में की जाएगी। देश-विदेश के श्रद्धालु खरसाली में 6 माह तक मां यमुना के दर्शन कर सकते हैं। खरसाली में शनिदेव का भी भव्य मंदिर है।

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